Archives May 2025

कुंडली में शनि के कमजोर होने पर कई तरह के लक्षण

कुंडली में शनि के कमजोर होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे बार-बार धन हानि, मेहनत का फल न मिलना, नौकरी या व्यवसाय में दिक्कतें, और घर-परिवार में अशांति.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:
समय से पहले बाल झड़ना, आंखों की समस्या, कान में दर्द, शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, टीबी, कैंसर, चर्म रोग, फ्रैक्चर, लकवा, सर्दी, अस्थमा आदि.
1.मनोवैज्ञानिक समस्याएं:
नकारात्मकता, आलस्य, बुरी आदतों का विकास

2.भगवान से दूर होने का विचार आना.
व्यवसाय और धन संबंधी समस्याएं:
बार-बार धन हानि, नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें, कर्ज का बोझ बढ़ना, और धन-संपत्ति का नाश होना.

3.पारिवारिक समस्याएं:
घर में कलह, वाद-विवाद, और झूठे आरोप लगना.
बनते काम में रुकावट, घर में आग लगना, या घर का बिक जाना.
4.धार्मिक कार्यों में हिस्सा न लेना, और धर्म-कर्म पर विश्वास न रहना.
,5.बात-बात पर गुस्सा आना, और दूसरों से झगड़ना.

6गलत संगत में फंसना और बुरी आदतों का शिकार होना.
7.लगातार बीमार रहने लगना.

8.नर्वस सिस्टम की समस्याएं ज्यादा होना.

9.अचानक दुर्घटना किसी दुर्घटना में अपंगता या गंभीर रोग जैसे कैंसर आदि का सामना करना पड़ सकता है.
मकान का क्षतिग्रस्त होना:

10.कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव से मकान का क्षतिग्रस्त होना, मकान का गिरना या मकान बिकने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

11.समय से पहले आंखों का कमजोर होना:
समय से पहले आंखों का कमजोर होना.

12.कम उम्र में जरूरत से ज्यादा बालों का झाड़ना:
ज्यादातर सिर में दर्द रहना:चोरी, छल-कपट करना:
आलस्य की सीमा पार कर देना:

नींबू उतारते समय दिशा का रहस्य: क्या आप नींबू सही दिशा में उतार रहे हैं?

“नींबू उतारते समय दिशा का रहस्य: क्या आप नींबू सही दिशा में उतार रहे हैं?”
“(जानिए तंत्र के अनुसार सीधी और उल्टी दिशा का सही महत्व)”

आजकल हर कोई कह देता है –
“नींबू से 7, 11, 21 बार उतारो, सब ठीक हो जाएगा।”
मगर “दिशा की बात कोई नहीं करता।”
क्या आप जानते हैं – “सीधी या उल्टी दिशा” में उतारने से “प्रभाव बिल्कुल अलग” होता है?

“घड़ी की दिशा (Clockwise) – ऊर्जा को शांत और स्थिर करने वाली दिशा”

अगर आप नींबू को घड़ी की दिशा में उतारते हैं, यानी व्यक्ति के सिर के सामने से दाएं घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाते हैं,
तो आप उसकी “अंदरूनी हलचल, मानसिक बेचैनी या नजरदोष जैसी सूक्ष्म बाधाओं” को शांत करते हैं।
यह विधि “बच्चों, सामान्य थकावट, या नज़र लगने जैसी स्थिति” में प्रभावी होती है।

“घड़ी की उल्टी दिशा (Anti-clockwise) – नकारात्मक ऊर्जा को बाहर खींचने वाली दिशा”

नींबू को घड़ी की उल्टी दिशा में उतारने का अर्थ है, आप व्यक्ति के चारों ओर घुमाते हुए “बाईं दिशा में घुमा रहे हैं।”
यह दिशा तंत्र में “ऊपरी बाधा, तांत्रिक प्रहार, अथवा गहन नकारात्मक ऊर्जा” को बाहर निकालने के लिए उपयोग की जाती है।
ये विधि “गंभीर और पुराने प्रभावों को तोड़ने के लिए शक्तिशाली” मानी जाती है।

“तो कितनी बार उतारें? संख्या का भी है रहस्य।”

“7 बार”
कब उपयोग करें:
बच्चों या नजर दोष के लिए। दिशा:
घड़ी की दिशा।

“11 बार”
कब उपयोग करें:
बार-बार मानसिक अशांति हो। दिशा:
घड़ी की दिशा।

“21 बार”
कब उपयोग करें:
जब ऊपरी बाधा का असर साफ हो।
दिशा:
उल्टी दिशा।

“27 बार”
कब उपयोग करें:
जब व्यक्ति पर “बार-बार तांत्रिक प्रयोग”, या “रात में डरावने सपने”, या “स्मशान/कब्रिस्तान प्रभाव” नजर आए।
दिशा:
केवल उल्टी दिशा में ही करें।

“27 बार नींबू उतारना एक विशेष तांत्रिक प्रयोग होता है”, जो साधारण स्थिति में नहीं किया जाता।
यह तब किया जाता है “जब नकारात्मक ऊर्जा कई परतों में जम चुकी हो”, और बार-बार पूजा, जप या उपचार के बाद भी असर न दिखे।

“सावधानी:”

सही दिशा और सही संख्या ही असर लाते हैं।
“बिना समझे बस नींबू उतार देना, केवल एक क्रिया है – उसमें तांत्रिक शक्ति नहीं होती।”

“तंत्र कहता है” – जिस क्रिया के पीछे पूर्ण ज्ञान नहीं, वह अंधविश्वास बन जाती है। पूर्ण ज्ञान के साथ एक नींबू उतारना भी, शक्ति को वापस बुला सकता है।

श्रीफल उतारा सीधा नारियल और उल्टा नारियल : रहस्य और प्रभाव”
श्रीफल

तंत्रशास्त्र में “श्रीफल” यानी “नारियल” को विशेष स्थान प्राप्त है। यह मात्र एक फल नहीं, बल्कि साक्षात् ब्रह्म का प्रतीक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु से नकारात्मक ऊर्जा हटानी होती है, तो श्रीफल से उतारा करना एक सिद्ध और प्रभावी विधि है।

“सीधा नारियल का उतारा”
(नारियल का मुख यानी ‘आँखें’ ऊपर की ओर हो)

“उद्देश्य:”

नज़र दोष, बुरी ऊर्जा, आम मानसिक तनाव के लिए।
बच्चों और दुर्बल व्यक्तियों पर विशेष प्रभावी।
घर के वातावरण में हल्की-फुल्की अशांति या अनजानी थकावट के समाधान हेतु।

“प्रभाव:”

यह श्रीफल निगेटिव ऊर्जा को अपने अंदर खींच लेता है।
बाद में इसे किसी सुनसान स्थान या बहते जल में विसर्जित कर देना चाहिए।
इससे व्यक्ति का मानसिक भार तुरंत हल्का महसूस होता है।

“उल्टा नारियल का उतारा”
(नारियल की आँखें नीचे की ओर)

“उद्देश्य:”

जड़ से तांत्रिक बाधा, ऊपरी साया, प्रेतबाधा, गंभीर नकारात्मकता या टोने-टोटके के असर के लिए।
विशेष अवसरों या किसी गहन जांच के लिए प्रयोग होता है।

“प्रभाव:”

यह प्रक्रिया तंत्र की दृष्टि से बहुत तेज़ और गहन मानी जाती है।
उल्टे नारियल से उतारा करते समय कई बार श्रीफल फट भी सकता है – यह संकेत देता है कि उस व्यक्ति पर कोई शक्तिशाली बाधा थी।
इसे भी तुरंत किसी पवित्र अग्नि या गहरे पानी में विसर्जित करना चाहिए।

“विशेष चेतावनी:”

श्रीफल का उतारा सिर्फ अनुभवी तांत्रिक या ज्ञानी व्यक्ति से ही करवाएं।
बिना उद्देश्य के यह प्रयोग न करें।
हर उतारे के बाद श्रीफल का उचित विसर्जन अनिवार्य है।

“तंत्र रहस्य यही सिखाते हैं – हर वस्तु में शक्ति है, बस प्रयोग की विधि जाननी चाहिए।”

“अगर आप चाहते हैं कि आपकी ऊर्जा संतुलित रहे और जीवन में बाधाएं दूर हों, तो श्रीफल से जुड़ी सही जानकारी को अपनाएं, अंधविश्वास से नहीं, अनुभव से जानें।”

यहाँ पूरी विधि साझा नहीं की जाती, क्योंकि कुछ लोग इसे गलत कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। तंत्र की शक्ति का उपयोग सेवा के लिए हो, शोषण के लिए नहीं – यही हमारा उद्देश्य है।

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