नींबू उतारते समय दिशा का रहस्य: क्या आप नींबू सही दिशा में उतार रहे हैं?

“नींबू उतारते समय दिशा का रहस्य: क्या आप नींबू सही दिशा में उतार रहे हैं?”
“(जानिए तंत्र के अनुसार सीधी और उल्टी दिशा का सही महत्व)”
आजकल हर कोई कह देता है –
“नींबू से 7, 11, 21 बार उतारो, सब ठीक हो जाएगा।”
मगर “दिशा की बात कोई नहीं करता।”
क्या आप जानते हैं – “सीधी या उल्टी दिशा” में उतारने से “प्रभाव बिल्कुल अलग” होता है?
“घड़ी की दिशा (Clockwise) – ऊर्जा को शांत और स्थिर करने वाली दिशा”
अगर आप नींबू को घड़ी की दिशा में उतारते हैं, यानी व्यक्ति के सिर के सामने से दाएं घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाते हैं,
तो आप उसकी “अंदरूनी हलचल, मानसिक बेचैनी या नजरदोष जैसी सूक्ष्म बाधाओं” को शांत करते हैं।
यह विधि “बच्चों, सामान्य थकावट, या नज़र लगने जैसी स्थिति” में प्रभावी होती है।
“घड़ी की उल्टी दिशा (Anti-clockwise) – नकारात्मक ऊर्जा को बाहर खींचने वाली दिशा”
नींबू को घड़ी की उल्टी दिशा में उतारने का अर्थ है, आप व्यक्ति के चारों ओर घुमाते हुए “बाईं दिशा में घुमा रहे हैं।”
यह दिशा तंत्र में “ऊपरी बाधा, तांत्रिक प्रहार, अथवा गहन नकारात्मक ऊर्जा” को बाहर निकालने के लिए उपयोग की जाती है।
ये विधि “गंभीर और पुराने प्रभावों को तोड़ने के लिए शक्तिशाली” मानी जाती है।
“तो कितनी बार उतारें? संख्या का भी है रहस्य।”
“7 बार”
कब उपयोग करें:
बच्चों या नजर दोष के लिए। दिशा:
घड़ी की दिशा।
“11 बार”
कब उपयोग करें:
बार-बार मानसिक अशांति हो। दिशा:
घड़ी की दिशा।
“21 बार”
कब उपयोग करें:
जब ऊपरी बाधा का असर साफ हो।
दिशा:
उल्टी दिशा।
“27 बार”
कब उपयोग करें:
जब व्यक्ति पर “बार-बार तांत्रिक प्रयोग”, या “रात में डरावने सपने”, या “स्मशान/कब्रिस्तान प्रभाव” नजर आए।
दिशा:
केवल उल्टी दिशा में ही करें।
“27 बार नींबू उतारना एक विशेष तांत्रिक प्रयोग होता है”, जो साधारण स्थिति में नहीं किया जाता।
यह तब किया जाता है “जब नकारात्मक ऊर्जा कई परतों में जम चुकी हो”, और बार-बार पूजा, जप या उपचार के बाद भी असर न दिखे।
“सावधानी:”
सही दिशा और सही संख्या ही असर लाते हैं।
“बिना समझे बस नींबू उतार देना, केवल एक क्रिया है – उसमें तांत्रिक शक्ति नहीं होती।”
“तंत्र कहता है” – जिस क्रिया के पीछे पूर्ण ज्ञान नहीं, वह अंधविश्वास बन जाती है। पूर्ण ज्ञान के साथ एक नींबू उतारना भी, शक्ति को वापस बुला सकता है।