श्रीफल उतारा सीधा नारियल और उल्टा नारियल : रहस्य और प्रभाव”

तंत्रशास्त्र में “श्रीफल” यानी “नारियल” को विशेष स्थान प्राप्त है। यह मात्र एक फल नहीं, बल्कि साक्षात् ब्रह्म का प्रतीक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु से नकारात्मक ऊर्जा हटानी होती है, तो श्रीफल से उतारा करना एक सिद्ध और प्रभावी विधि है।
“सीधा नारियल का उतारा”
(नारियल का मुख यानी ‘आँखें’ ऊपर की ओर हो)
“उद्देश्य:”
नज़र दोष, बुरी ऊर्जा, आम मानसिक तनाव के लिए।
बच्चों और दुर्बल व्यक्तियों पर विशेष प्रभावी।
घर के वातावरण में हल्की-फुल्की अशांति या अनजानी थकावट के समाधान हेतु।
“प्रभाव:”
यह श्रीफल निगेटिव ऊर्जा को अपने अंदर खींच लेता है।
बाद में इसे किसी सुनसान स्थान या बहते जल में विसर्जित कर देना चाहिए।
इससे व्यक्ति का मानसिक भार तुरंत हल्का महसूस होता है।
“उल्टा नारियल का उतारा”
(नारियल की आँखें नीचे की ओर)
“उद्देश्य:”
जड़ से तांत्रिक बाधा, ऊपरी साया, प्रेतबाधा, गंभीर नकारात्मकता या टोने-टोटके के असर के लिए।
विशेष अवसरों या किसी गहन जांच के लिए प्रयोग होता है।
“प्रभाव:”
यह प्रक्रिया तंत्र की दृष्टि से बहुत तेज़ और गहन मानी जाती है।
उल्टे नारियल से उतारा करते समय कई बार श्रीफल फट भी सकता है – यह संकेत देता है कि उस व्यक्ति पर कोई शक्तिशाली बाधा थी।
इसे भी तुरंत किसी पवित्र अग्नि या गहरे पानी में विसर्जित करना चाहिए।
“विशेष चेतावनी:”
श्रीफल का उतारा सिर्फ अनुभवी तांत्रिक या ज्ञानी व्यक्ति से ही करवाएं।
बिना उद्देश्य के यह प्रयोग न करें।
हर उतारे के बाद श्रीफल का उचित विसर्जन अनिवार्य है।
“तंत्र रहस्य यही सिखाते हैं – हर वस्तु में शक्ति है, बस प्रयोग की विधि जाननी चाहिए।”
“अगर आप चाहते हैं कि आपकी ऊर्जा संतुलित रहे और जीवन में बाधाएं दूर हों, तो श्रीफल से जुड़ी सही जानकारी को अपनाएं, अंधविश्वास से नहीं, अनुभव से जानें।”
यहाँ पूरी विधि साझा नहीं की जाती, क्योंकि कुछ लोग इसे गलत कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। तंत्र की शक्ति का उपयोग सेवा के लिए हो, शोषण के लिए नहीं – यही हमारा उद्देश्य है।
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