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LIC Jeevan Utsav: अब नौकरी का टेंशन खत्म जीवन भर टर्म इंश्योरेंस के फायदे मिलेंगे

LIC Jeevan Utsav ( एलआईसी जीवन उत्सव प्लान )

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LIC Jeevan Utsav के फायदे

  • LIC जीवन उत्सव का फायदा यह है कि यह एक Whole Life Insurance Plan है इसका मतलब यह हुआ कि आपका पूरा जीवन इस प्लान के इंश्योरेंस में कवर रहेगा।
  • एलआइसी जीवन उत्सव प्लान के अनुसार यहां पर आपको ताउम्र गारंटेड इनकम का फायदा मिलता रहेगा।
  • आपको पता होगा LIC के अन्य प्लान जीवन उमंग में 8% का रिटर्न मिलता है वैसे ही रिटर्न इस नए प्लान में भी मिलेगा लेकिन यहां पर आपको 10 परसेंट का रिटर्न मिलेगा और ये सालाना रिटर्न होता है।
  • अगर लिक जीवन उत्सव प्लान के अगले फायदे के बारे में बात करें तो यहां पर premium paying term पूरे 5 साल के लिए रखा गया है और ये उन सभी लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो कम समय के लिए प्रीमियम का भुगतान करने की सोचते हैं।
  • एलआईसी के इस नए प्लान का अगला फायदा यह है कि यहां पर आपको Guaranteed Addition प्राप्त होता है।
  • एलआईसी के पुराना प्लान जीवन उमंग में बोनस मिलता है लेकिन इस नए प्लान में एडिशन मिलता है।

कौन-कौन लोग इस प्लान को ले सकते हैं?

 

  • अगर आपके बच्चे का उम्र 90 दिन या फिर इससे ज्यादा हो चुका है तो आप उसके लिए एलआईसी के इस नए प्लान जीवन उत्सव को ले सकते हैं।
  • और ज्यादा से ज्यादा अगर आपका उम्र 65 साल या इससे कम है तो फिर इस नए प्लान को आप ले पाएंगे।
  • कितने सालों तक Policy के Premium को Pey करना होगा?
  • इस नए प्लान में आप प्रीमियम को कम से कम 5 सालों तक कर सकते हैं एवं ज्यादा से ज्यादा 16 साल तक आप इसमें पॉलिसी के प्रीमियम को पे कर सकते हैं।
  • यानी आप 5 साल से लेकर 16 साल तक के कोई भी प्रीमियम का चुनाव कर सकते हैं चाहे वो 6 साल हो 7 साल हो 10 साल हो 12 साल हो इत्यादि।

कम से कम एवं ज्यादा से ज्यादा उम्र वालों के लिए एंट्री

  1. अगर आप 5, 6, 7 एवं 8 साल वाला Premium Paying Term लेते हैं तो फिर आपका उम्र कम से कम 8 वर्ष एवं ज्यादा से ज्यादा 65 वर्ष होना चाहिए।
  2. अगर आप 9 साल वाला Premium Paying Term लेते हैं तो फिर आपका उम्र कम से कम 7 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 65 साल होना चाहिए।
  3. अगर आप 10 साल वाला Premium Paying Term लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 6 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 65 साल होना चाहिए।
  4. अगर आप 11 साल वाला Premium Paying Term लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 5 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 64 साल होना चाहिए।
  5. वहीं अगर आप 12 साल वाला प्रीमियम पेइंग टर्म लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 4 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 63 साल होना चाहिए।
  6. लेकिन अगर आप 13 साल वाला प्रीमियम पेइंग टर्म लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 3 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 62 साल होना चाहिए।
  7. अगर आप 14 साल वाला प्रीमियम पेइंग टर्म लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 2 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 61 साल होना चाहिए।
  8. अगर आप 15 साल वाला प्रीमियम पेइंग टर्म लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 1 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 60 साल होना चाहिए।
  9. अगर आप 16 साल वाला प्रीमियम पेइंग टर्म लेते हैं तो आपका उम्र कम से कम 90 दिन और ज्यादा से ज्यादा 59 साल होना चाहिए।

कम से कम कितना Insurance Cover लिया जा सकता है?

  • यहां पर ₹500000 तक का इंश्योरेंस कवर लिया जा सकता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं हुआ कि आपको पांच लाख का पेमेंट करना होगा बल्कि इसके आधार पर जो भी आपका इंश्योरेंस होता है उसकी गणना की जाती है।
  • यहां हम यह समझ सकते हैं कि ये 5 लाख आपका इंश्योरेंस कवर का अमाउंट होता है।
  • ज्यादा से ज्यादा कितना तक का बीमा ले सकते हैं?
  • ज्यादा से ज्यादा कितना बीमा इस नए प्लान के द्वारा ले सकते हैं तो इसका कोई लिमिट नहीं है इसके लिए इस प्लान को खरीदते समय आप बात कर सकते हैं।
  • और ये बात आपकी कमाई के ऊपर भी निर्भर करता है आपका कमाई कितना है उसी हिसाब से कंपनी आपको कितने तक का इंश्योरेंस दे सकती है।

जीवन भर मिलता रहेगा टर्म इंश्योरेंस के फायदे

एलआईसी जीवन उत्सव प्लान एक बहुत ही फायदेमंद प्लान है जिसमें आपको जीवन भर इंश्योरेंस के फायदे मिलते रहते हैं। अगर आप इस नए प्लान को लेते हैं तो यहां पर आपको ताउम्र जीवन भर के लिए कवरेज मिलता रहता है।

बीमा लेने वाले को पूरा जीवन कवरेज मिलता है इस वजह से ही इसे अन्य नाम से भी जाना जाता है जैसे लाइफटाइम रिटर्न गारंटी वाला प्लान इत्यादि।

Plan Benefits: Survival Benefits Schedule

Premium Paying Termइनकम का फायदा शुरू होने का साल
5 वर्ष के टर्म लेने पर11वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
6 वर्ष के टर्म लेने पर11वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
7 वर्ष के टर्म लेने पर11वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
8 वर्ष के टर्म लेने पर11वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
9 वर्ष के टर्म लेने पर12वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
10 वर्ष के टर्म लेने पर13वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
11 वर्ष के टर्म लेने पर14वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
12 वर्ष के टर्म लेने पर15वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
13 वर्ष के टर्म लेने पर16वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
14 वर्ष के टर्म लेने पर17वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
15 वर्ष के टर्म लेने पर18वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
16 वर्ष के टर्म लेने पर19वां साल से इनकम बेनिफिट शुरू होगा
इन जगहों पर अब 5 लाख रुपए तक कर सकेंगे UPI Transaction, RBI का बड़ा फैसला!

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज नई मौद्रिक नीति के तहत यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर बड़ा ऐलान किया है।

UPI Payment Limit

देश की बड़ी आबादी आज के ज़माने में यूपीआई पेमेंट पर भरोसा करती है। सर्वे के एक डेटा के मुताबिक आज देश के 70 फीसदी लोग जेब में पैसे लेकर नहीं चलते। कहीं भी कुछ भी खरीदने निकल जाते हैं क्योंकि उनके पास मोबाइल फोन होता है जिसके जरिए वो आसानी से पेमेंट कर देते हैं। लोगों की यूपीआई पर बढ़ती निर्भरता को देखते हुए आरबीआई ने यूपीआई से पेमेंट करने की लिमिट में बढोतरी कर दी है।

आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नए मौद्रिक नीति का ऐलान किया। अर्थशास्त्रियों की उम्मीद के अनुरूप आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद फैसले की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। और समिति ने विभिन्न घरेलू मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है। इसके अलावा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एमपीसी सतर्क है और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

5 लाख रुपये तक की हो सकती है पेमेंट!

गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 दिसंबर को मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के दौरान एक बड़ा फैसला लिया है। शक्तिकांत दास ने बताया कि यूपीआई के जरिए लेनदेन काफी आसान हो गया है। इसके यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में फैसला लिया गया है कि यूजर्स 5 लाख रुपये तक की पेमेंट कर सकते हैं।

यहां कर सकेंगे 5 लाख रुपये तक की यूपीआई पेमेंट?

नई मौद्रिक नीति के तहत आरबीआई ने कहा कि अब 5 लाख रुपये तक की UPI ट्रांजैक्शन की जा सकती है। स्कूल-कॉलेज की फीस, हॉस्पिटल के बिल को चुकाने के लिए कोई भी शख्स 5 लाख रुपये तक की यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं।

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जल्द निपटा लें बैंक से जुटा काम…दिसंबर में 18 दिनों तक बंद रहेंगे बैंक, देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

अगर दिसंबर महीने में आपको भी बैंक से जुड़ा कोई काम है तो इससे फटाफट निपटा लें, क्योंकि इस महीने 18 दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं। आइए जानते हैं किस - किस दिन बैक की छुट्टियां रहेंगी।

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आधा महीने से ज्यादा बंद रहेंगे बैंक

आरबीआई कैलेंडर के मुताबिक, दिसंबर महीने में बैंक 18 दिन बंद रहने वाले हैं। इसमें महीने के सभी रविवारों के साथ-साथ दूसरे और चौथे शनिवार की छुट्टियों के अलावा क्रिसमस और कई क्षेत्रिय त्योहार शामिल हैं।

देखें छुट्टियों की लिस्ट

1 दिसंबर (शुक्रवार): राज्य उद्घाटन दिवस/स्वदेशी आस्था दिवस (ईटानगर और कोहिमा)
3 दिसंबर (रविवार): सप्ताहांत (सभी राज्य)

 

4 दिसंबर (सोमवार): सेंट फ्रांसिस जेवियर का पर्व (गोवा)

 

9 दिसंबर (शनिवार): महीने का दूसरा शनिवार (सभी राज्य)
 
10 दिसंबर (रविवार): सप्ताहांत (सभी राज्य)

 

12 दिसंबर (मंगलवार): पा-तोगन नेंगमिंजा संगमा (शिलांग)

 

14 दिसंबर (गुरुवार): लोसूंग/नामसूंग (गंगटोक)

 

17 दिसंबर (रविवार): सप्ताहांत (सभी राज्य)

 

18 दिसंबर (सोमवार): यू सोसो थाम (शिलांग) की पुण्य तिथि
19 दिसंबर (मंगलवार): गोवा मुक्ति दिवस (गोवा)

 

23 दिसंबर (शनिवार): महीने का चौथा शनिवार (सभी राज्य)।

 

24 दिसंबर (रविवार): सप्ताहांत (सभी राज्य)

 

25 दिसंबर (सोमवार): क्रिसमस (सभी राज्य)

 

26 दिसंबर (मंगलवार): क्रिसमस उत्सव (आइजोल, कोहिमा और शिलांग)
27 दिसंबर (बुधवार): क्रिसमस (कोहिमा)

 

30 दिसंबर (शनिवार): यू किआंग नांगबाह (शिलांग)

 

31 दिसंबर (रविवार): सप्ताहांत (सभी राज्य)

 

बैंक की छुट्टी के दिन ऐसे निपटाएं जरूरी काम

बता दें कि यदि बैंक की छुट्टी के दिन कोई आवश्यक काम है तो एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, नेट बैंकिंग और अन्य सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा एक अकाउंट से दूसरे में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आप यूपीआई (UPI) के भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही आप क्रेडिट, डेबिट कार्ड का भी आसानी से यूज कर सकते हैं।

घर की दक्षिण दिशा में ये 4 चीजें रखते ही बरसने लगता है पैसा

वास्तु शास्त्र में इंसान की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए दिशाओं के महत्व को बारीकी से समझाया है.

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1. घर की दक्षिण दिशा में झाड़ू रखना शुभ होता है. कहते हैं कि झाड़ू में धन की देवी माता लक्ष्मी का वास होता है. इस दिशा में झाड़ू रखने से कभी धन की कमी नहीं होती है. इसे हमेशा दक्षिण दिशा में छिपाकर रखना चाहिए. झाड़ू को कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से बचें.


2. हमें अपने पलंग का सिरहाना भी दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. ऐसे में सोते वक्त आपका सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर दिशा में होंगे.
कहते हैं कि दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से मन-मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं. ऐसे लोग हर मोर्चे पर कामयाबी हासिल करते हैं.


3. घर में जो भी कीमती सामान हैं, वो हमेशा दक्षिण दिशा में रखना उत्तम होता है. ऐसा करने से घर की बरकत बनी रहती है.


4. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में चिड़िया की तस्वीर लगाना शुभ होता है. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है.

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काली हल्दी के सौभाग्यवर्धक प्रयोग

धन और ऐश्वर्य की देवी विष्णुपत्नी महालक्ष्मी है। लक्ष्मी की प्रसन्नता से धनवान होने के लिए तंत्र विज्ञान में बहुत से सरल प्रयोग बताये गये है। इन में से एक प्रयोग है रसोई में प्राय: मसालों के रुप में उपयोग आने वाली हल्दी से धन प्राप्ति का रास्ता।

हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में हल्दी का उपयोग किसी न किसी रुप में करता ही है। भोजन,चोट लगने, मांगलिक कार्य, पूजा-अर्चना में हल्दी का उपयोग किया जाता है।

अक्सर हम हल्दी की पीली और नारंगी रंग की गांठ देखते हैं। किंतु इन्हीं हल्दी की गांठों में संयोग से कभी-कभी काले रंग की गांठ भी पैदा हो जाती है। लेकिन जानकारी के अभाव में हम उसे खराब मानकर अलग कर देते हैं, फेक देते है। जबकि तंत्र विज्ञान के अनुसार यह काली हल्दी की गांठ ही धन का खजाना माना जाता है। जिसकी विधिवत साधना से अपार धन-संपदा पाई जा सकती है।

हल्दी को संस्कृत में हरिद्रा भी कहा जाता है। तंत्र विद्या में लक्ष्मी प्राप्ति के इस प्रयोग को साधना कहा जाता है। तंत्र विज्ञान में काली हल्दी बहुत अनमोल, अद्भुत और देवीय गुणों वाली मानी जाती है। हालांकि इसका रंग-रुप भद्दा और अनाकर्षक होता है, किंतु धन प्राप्ति की दृष्टि से बहुत प्रभावकारी मानी गई है।

अगर संयोग से आपको काली हल्दी मिल जाए तो आप स्वयं को सौभाग्यशाली मानें उसे अपने देवालय में विष्णु-लक्ष्मी प्रतिमा के समीप रखें और विधिवत पूजा करें। माना जाता है कि इसके रखने मात्र से ही घर में सुख-शांति आने लगती है। काली हल्दी की गांठ को चांदी के साथ या किसी भी सिक्के के साथ एक स्वच्छ और नए वस्त्र में बांधकर अन्य देव प्रतिमाओं के साथ पूजा करें। इस पोटली को गृहस्थ अपने घर की तिजोरी और व्यापारी अपने गल्ले में रख दें। ऐसा करने पर धनोपार्जन में आने वाली बाधा दूर होती है और अद्भूत धनलाभ होता है। तंत्र विज्ञान में काली हल्दी की गांठ या हरिद्रा तंत्र की सिद्धी के लिए पूजा विधान, नियम बताए गए हैं।

धन प्राप्ति के लिए हल्दी की काली गांठ यानि हरिद्रा तंत्र की साधना शुक्ल या कृष्ण पक्ष की किसी भी अष्टमी से शुरु की जा सकती है। इसके लिए पूजा सूर्योदय के समय ही की जाती है।

हरिद्रा तंत्र की नियम-संयम से साधना व्रती को मनोवांछित और अनपेक्षित धनलाभ होता है। रुका धन प्राप्त हो जाता है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस तरह एक हरिद्रा यानि हल्दी घर की दरिद्रता को दूर कर देती है।

पूर्वी मनोगत और गहन अध्ययनों से पता चला है की काली हल्दी बंगाल में चमत्कारी औषधियों के उपयोगों के कारण बहुत उपयोग में लायी जाती है। साधक इसे माता काली जी की पूजा करने में भी प्रयोग करते है। यह घर में बुरी शक्तियों को प्रवेश नहीं करने देती है। इसको ज्यादा बाधायों का नाश करने में उपयोग किया जाता है।

* यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो पहले गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उस में गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उसार कर गाय को खिला दें । यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।

* यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें । इस से नजर से मुक्ति मिलेगी।

* शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से गुरू और शनी दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे। यदि किसी के पास धन आता तो बहुत है किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए।

* शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में काली हल्दी रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा।

* यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार •“ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः” का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगति आ जाती है।

* यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मंहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है। तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।

* दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

* यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीडि़त हो तो किसी अच्छे मूहूर्त में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़ें में छेद कर धागे की मदद से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें। इस से आप को अवश्य लाभ मिलेगा।

* शुभ दिन में गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र हो। राहुकाल न हो, शुभ घड़ी में काली हल्दी को लाएँ। इसे शुद्ध जल से भीगे कपड़े से पोंछकर लोबान की धूप की धुनी में शुद्ध कर लें व कपड़े में लपेटकर रख दें। आवश्यकता होने पर इसका एक माशा चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन कराये व एक छोटा टुकड़ा काटकर धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बाँध दें। इस प्रकार उन्माद, मिर्गी, भ्रांति और अनिन्द्रा जैसे मानसिक रोगों मे बहुत लाभ होता है।

* गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।

* काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्य द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नजर, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

* जिस व्यक्ति को बुरी नजर लगी हो या बार बार लगती हो या अक्सर बीमार रहता हो तो काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर मिश्रण का तिलक माथे, कंठ व् ह्रदय पर करे तो वो सुरक्षित रहता है।

* काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है।

* मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तंत्र शास्त्र में हरिद्रा तंत्र में चर्चा की गयी है। कहते हैं, इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य की वर्षा करती हैं। हरिद्रा यानी काली हल्दी खाने के काम में नहीं आती, पर चोट लगने और दूसरे औषधीय गुणों में इसे महत्व दिया जाता है। यदि किसी को इस काली हल्दी की गांठ प्राप्त हो, तो उसे पूजा घर में रख दें। मान्यता है कि यह जहां भी होती है, सहज ही वहां श्री-समृद्धि का आगमन होने लगता है। हरिद्रा तंत्र को नए कपड़े में अक्षत और चांदी के टुकड़े अथवा किसी सिक्के के साथ रखकर गांठ बांध दें। और धूप-दीप से पूजा करके गल्ले या बक्से में रख दें, तो आश्चर्यजनक आर्थिक लाभ होने लगता है। लेकिन इसको घर में रखने से पहले अभिमंत्रित भी कर लें, तभी इसका विशेष प्रभाव दिखता है।

* हरिद्रा तंत्र के लिए साधना विधि महीने की किसी भी अष्टमी से इस पूजा को शुरू कर सकते हैं इस दिन प्रात: उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। तत्पश्चात् काली हल्दी की गांठ को धूप-दीप देकर नमस्कार करें। फिर उगते हुए सूर्यको नमस्कार करें और 108 बार •‘‘ॐ ह्रीं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करे।’

इसके बाद स्थापित काली हल्दी की पूजा करें। पूरे दिन व्रत रखें और फलाहार करें । यथाशक्ति दान-पुण्य भी करें। हरिद्रा तंत्र की साधना में यह तथ्य स्मरण रखना चाहिए कि इसके साधक के लिए मूली, गाजर और जिमींकंद का प्रयोग वर्जित है। इस प्रयोग को विधिपूर्वक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। घर में बरकत होती है।

* चंदन की भाँति काली हल्दी का तिलक लगाएँ। यदि अपनी कनिष्ठा उँगली का रक्त भी मिला दिया जाए तो प्रभाव में वृद्धि होगी। यह तिलक लगाने वाला सबका प्यारा होता है। सामने वाले को आकर्षित करता है।

* काली हल्दी, रोली, तुलसी की मंजरी को समरूप आंवले के रस में पीस कर जिसके भी सम्मुख जायेंगे वो स्वतः आपके अनुरूप कार्य करेगा।

* काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, श्वेत चन्दन, गोरोचन, पान और हरसिंगार की जड़ पीस कर एक चाँदी की डिब्बी में लेप बनाकर रख लें। जिसे वश में करना हो उसके सम्मुख आने से पूर्व इसका तिलक धारण कर लें। इस प्रकार कि तिलक लगाने के बाद आपको सर्व प्रथम देखे।

वर्ष 2024 में कैसा रहेगा भारत का भविष्य

भारत पर भविष्यवाणी 2024: भारत के लिए वर्ष 2024 बहुत महत्वपूर्ण और उथल-पुथल भरा रहने वाला है। हिंदू माह 2080 चल रहा है और 9 अप्रैल 2024 से विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा। वर्तमान संवत्सर 2080 के राजा बुध, गृह मंत्री शुक्र, वित्त मंत्री सूर्य, रक्षा मंत्री बृहस्पति हैं। यह पिंगला शोभकृत नाम का संवत्सर चल रहा है। इसके बाद 2081 संवत्सर का नाम क्रोधी रहेगा। पंचांग भेद से इसका नाम कालयुक्त है, इसका राजा मंगल है और मंत्री होगा शनि।

मौसम :- वर्ष 2024 में भारत में अल्पवृष्टि के योग हैं। कहीं वर्षा अच्छी होगी तो कहीं सूखा निर्मित हो सकता है। गर्मी सामान्य रहेगी लेकिन बारिश और ठंड बढ़ सकती है। असामान्य जलवायु के चलते सेहत पर इसका भारी असर होगा।

प्राकृतिक प्रकोप :- भारत में वर्ष 2024 में राहु, मंगल, शनि और सूर्य के कारण प्राकृतिक प्रकोप बढ़ सकते हैं। तूफान, चक्रवात, भूकंप और बाढ़ से लोगों को बचना होगा। इस बार भूकंप और चक्रवात के कारण जान माल के नुकसान की ज्यादा आशंका व्यक्त की जा रही है।

रोग :- भारत में नया रोग या कोई नई महामारी के आने के योग भी बन रहे हैं। केतु के कारण वायरल संक्रमण होने की संभावना है जिसके चलते लोगों में बेचैनी रहेगी। मानसिक तनाव बढ़ सकता है। लोगों को अभी से ही अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करना होगा।

राजनीतिक उथल पुथल :- वर्ष 2024 में मंगल, शनि और राहु के प्रभाव के चलते भारत में राजनीतिक उथल-पुथल पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा रहेगी। राजनीतिक पार्टियों में शत्रुता की भावना बढ़ जाएगी। झूठे आरोप और प्रत्यारोप के चलते नफरत बढ़ेगी। किसी बड़े राजनेता को पद त्यागना पड़ सकता है या किसी बड़े राजनेता का निधन भी हो सकता है। भारत के किसी 2 नेताओं पर हमला होने की संभावना है, कई नेताओं को कानूनी सजा भी मिल सकती है, क्योंकि अगले वर्ष का मंत्री शनि है। भाजना की अपेक्षा कांग्रेस का प्रभाव तेजी से बढ़ेगा, जिसके चलते देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा होगी।

भारत की सीमा :- वर्ष के मध्य में भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमा पर तनाव चरम पर होगा। भारत पर कोई बड़ा हमला होने की संभावना है। अप्रैल, मई, जून, जुलाई और अगस्त का माह भारत के लिए कठिन रहेगा। पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी भारत में ज्यादा अशांति रहने वाली है। यानी भारत में आंतरिक संघर्ष बढ़ने की संभावना है।

Jain Stone

वस्तु दाम :- आने वाले वर्ष 2024 में महंगाई बढ़ेगी क्योंकि अतिवर्षा, तूफान आदि प्राकृतिक आपदा के चलते देश के अधिकतर क्षेत्रों की फसल नष्ट होने के आसार है। 2024 में उत्पादन में कमी के चलते कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। पेट्रोल के दाम में भी बढ़ोतरी होगी।.

अर्थ व्यवस्था :- देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा, रियल स्टेट में तेजी रहेगी। सोने के भाव बढ़ते जाएंगे।

सुशील मोदी ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड विजेता
गुरु- राहु चांडाल योग समाप्त 30 अक्टूबर 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक अवधि के बाद नवग्रह राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसे में कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। ऐसे ही मेष राशि में राहु और गुरु की युति से गुरु चांडाल योग का निर्माण हुआ था। 22 अप्रैल से मेष राशि में गुरु चांडाल योग चल रहा है जो 30 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो जाएगा।

22 अप्रैल 2023 में बनने वाले गुरु चांडाल योग की वजह से काफी लोगों के जीवन में बड़ी समस्या पैदा हो रही थी। विशेषकर जिन लोगों के लिए गुरु योग कारक ग्रह था, उनके जीवन में कुछ ज्यादा ही समस्या उत्पन्न हो रही थी जैसे- शादी विवाह परेशानी, शिक्षा में बाधा, संतान प्राप्ति में समस्या, स्वास्थ्य व मान- सम्मान की कमी इत्यादि।

गुरु व शुक्र ग्रह विशेषकर शादी- विवाह के मुख्य जिम्मेदार कारक ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की कृपा के बिना शादी विवाह संपन्न नहीं हो सकते। और गुरु-राहु चांडाल योग की वजह से काफी लोगों के विवाह में विलंब हो रहा था या फिर दांपत्य जीवन में बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही थी। लेकिन अब 30 अक्टूबर 2023 को गुरु चांडाल योग समाप्त हो रहा है जिसे काफी राशियों को बड़ा लाभ प्राप्त होने वाला है, उनके रिश्ते विवाह में आ रही बाधा अब समाप्त होने की पूरी संभावना है। गुरु चांडाल योग समाप्त होने पर छोटे-छोटे उपाय से ही बड़े लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।

1 – मेष लग्न वाले जातक के लिए राहु 12 th भाव और केतु 6 th भाव से गोचर करेंगे आपके खर्च यात्रा और भोग बड़ सकते है जो लोग जॉब ट्रांसफर या घर बदलने का सोच रहे है या एब्रॉड सेटलमेंट के लिए प्रयास कर रहे है उनके लिए अनुकूल समय जिन लोगो का धनेश और दशमेश व्यवस्थित है उनके लिए लाभ का समय लेकिन सतर्क रहे स्वास्थ और हॉस्पिटल पर खर्च हो सकता ननिहाल पक्ष को थोड़ी तकलीफ संभव ।

2 – वृषभ लग्न वाले जातकों की इच्छाएं और मनोरंजन के अवसर बड़ जायेंगे जोड़ तोड़ और मेहनत से धन अर्जित करेंगे व्यापार & जॉब के लिए अनुकूल समय है किंतु लव अफेयर और विवाहित जीवन में कुछ संघर्ष दिखेगा ।

3 – मिथुन लग्न के जातकों के दशम से राहु और चतुर्थ से केतु का गोचर रहेगा आप घर परिवार से उखड़े उखड़े रह सकते लेकिन कार्यछेत्र में नई ऊर्जा नई तरंगों के साथ बोलेंगे राहु जिसके दस में दुनिया उसके बस में अर्थात प्रोफेशनल फ्रंट पर नए नए आइडियाज और ऊर्जा के साथ सफलता की ओर अग्रसर होने का प्रयास करेंगे ।

4 – कर्क लग्न के जातकों के लिए राहु का गोचर नवम और केतु तृतीय भाव से निकलेंगे आपके छोटे भाई बहन या पड़ोसी को कुछ तकलीफ संभव ।
आप की यात्रा बड़ जाएंगी आप भ्रमित रह सकते आपको चिंताएं सता सकती आपकी शिक्षा और प्रोफेशन पर नकरात्मक प्रभाव भी रह सकता ।
अपका भाग्य कम साथ देगा आप दबाव में रहेंगे।

5 – सिंह लग्न के जातकों के लिए राहु केतु का गोचर कठनाइयों से भरा हो सकता है आपको धन की कमी धन का अटकना धन संबंधित झगड़े घर पर अशांति और अचानक घटनाए घटित होने के योग बन रहे है
अगर आप रिसर्च वर्क एस्ट्रोलॉजी पॉजिटिव तंत्र आदि क्रियायो में लिप्त है तो ये गोचर आपके लिए रहस्य की परते खोलने में सक्षम होगा किन्तु आप जुआ सट्टा और दुष्कर्म में लिप्त है तो आप संभाल जाए , कोई भी असामाजिक गतिविधि या गलत कार्य आपको फसा सकता है

6 – कन्या लग्न वालो के लिए राहु केतु संघर्ष की पटकथा लिख रहे है आपके वैवाहिक जीवन और व्यवसाय पर संघर्ष रहेगा आपकी भागम भाग लगी रहेगी आपको कागजी कार्रवाई में समय बर्बाद करना होगा , आपके जीवन में जो प्रेम आयेगा ज्यादा टिकेगा नही आप खुद से या खुद के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं रहेंगे ।

7 – तुला लग्न वालो के लिए राहु का गोचर छटे भाव से शानदार होने वाला है जिन लोगो की कुंडली में शनि और राहु व्यवस्थित बैठे है उनकी लाइफ में खुशहाली समृद्धि के योग बन रहे है विधार्थियो के लिए कंपीटीशन के लिए अच्छा समय जॉब वालो को शानदार सफलता कोर्ट केस में भी आप सफल हो सकते है जो स्त्रियां संतान चाहती है उनके लिए अनुकूल समय दूसरी तरफ केतु भी मोक्ष भाव से आपको स्प्रिचुअल लाइफ में आगे बढ़ाएगा ।

8 – वृश्चिक लग्न वालो के लिए राहु पंचम भाव से गोचर करेंगे और केतु एकादश भाव से निकलेंगे ।
अपको बुद्धि हवा में उड़ सकती है आपकी बुद्धि पर सट्टा जुआ या शेयर मार्केट से धन कमाने का नशा चढ़ सकता है आपकी बुद्धि पर लव अफेयर हावी रह सकते है आपको धन प्राप्ति या लाभ में विलम्ब हो सकता आपको घर परिवार की जिम्मेदारियां निभानी पड़ेंगी आपको विशेष रूप से स्वास्थ का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है ।

9 – धनु लग्न वालो के लिए राहु केतु का गोचर उतार चढ़ाव वाला रह सकता है अपका मन कार्य छेत्र में कम लगेगा , आपकी ऊर्जा माता और घर प्रॉपर्टी पर लगेगी आपको चिंताएं सताएंगी ।

10 – मकर लग्न वालो के लिए राहु केतु का गोचर आपके पराकर्म और बुद्धि को बड़ा देगा आप साम दाम दण्ड भेद का प्रयोग करने लगेंगे , आप धार्मिक यात्रा करेंगे , आपके पिता को कुछ चिंताएं लगी रह सकती है टेक्निकल और मार्केटिंग वर्क के लिए ये गोचर शानदार रहेगा ।

11 – कुंभ लग्न वाले जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलेगा जो लोग वाणी या टेलीमार्केटिंग या रिसर्च वर्क से जुड़े है उनको लाभ मिलेगा ओवरऑल ये गोचर आपको मेहनत और खुद पर नियंत्रण से लाभ देगा ।

12 – मीन लग्न वालो के लिए राहु लग्न और केतु सप्तम भाव से गोचर करेंगे ये समय आपके लिए नई नई चुनौतियां पेश करेगा जितना ईश्वर और कुल देवी की शरण में रहेंगे उतना बचे रहेंगे , आपकी इच्छाएं असक्तिया और खर्च बड़ जायेंगे अगर आप विवाहित है तो लाइफ पार्टनर से उदासीनता रह सकती और मतिभ्रम हो सकता है

Rakha Bandhan Muhurat 2023: रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा , जानें राखी बांधने का सही समय
raksha bandhan 2023

Raksha Bandhan 2023

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन आस्था और विश्वास का पर्व है. यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है. रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. इस दिन भाई भी अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. रक्षाबंधन का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन के दिन और शुभ मुहूर्त को लेकर दुविधा बनी हुई है. आइए जानते हैं कि रक्षाबंधन किस दिन मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया

इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को है, लेकिन इस दिन भद्रा का साया है. अगर पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. भद्राकाल के समापन के बाद ही राखी बांधनी चाहिए. 30 अगस्त के दिन भद्राकाल रात में 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. इसके बाद ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू होगा.

रक्षाबंधन 2023 का राहुकाल

30 अगस्त 2023 को मध्यान्ह 12:20 से 1:54 तक राहुकाल रहेगा और प्रात: 10:19 मिनट से पंचक शुरू होंगे.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बहुत ही कम समय का है. 30 अगस्त को रात में 9 बजकर 2 मिनट पर भद्राकाल समाप्त होगा.  वहीं सावन पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7.05 मिनट पर खत्म होगी. इसलिए रात में भद्रा खत्म होने के बाद और 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले राखी बांधी जा सकती है.