UPI Payment Limit
UPI Payment Limit: Phonepay और Google Pay यूजर्स नहीं कर पाएंगे दबाकर UPI पेमेंट,

UPI Apps Payment Limit: फोन पे और गूगल पे यूजर्स पर अनलिमिटेड UPI पेमेंट करने पर रोक लग सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.

ऑनलाइन पेमेंट करने के मामले में भारत हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत में गूगल पे और फोन पे सबसे बड़े UPI ऑनलाइन पेमेंट फ्लेटफॉर्म हैं। भारत में इन दोनों प्लेटफॉर्म से कुल मिलाकर करीब 80 फीसद ऑनलाइन UPI पेमेंट किया जाता हैं। हालांकि जल्द फोन और गूगल पे करने वालों को जोरदार झटका लगने जा रहा है। दरअसल Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे UPI पेमेंट ऐप पर ट्रांजैक्शन लिमिट सेट की जा सकती है। साधारण शब्दों में कहा जाएं, तो जल्द यूजर्स UPI पेमेंट ऐप्स से अनलिमिटेड UPI पेमेंट नहीं कर पाएंगे। यंहा लिमिट से तात्पर्य नंबर ऑफ़ ट्रांसेक्शन (प्रति दिन या प्रति माह किये जाने वाले लेनदेन से) से है न की अमाउंट से 

जिससे अन्य UPI एप्प को भी मदद मिलेगी , अधिकांश उपयोगकर्ता जिस बैंक में उनका खाता है उस बैंक के UPI एप्प का प्रयोग नहीं करते और वो गूगल पे फ़ोन पे या PayTM का अधिक प्रयोग करते है ,

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31 दिसंबर तक लागू हो सकता है फैसला

दरअसल भारत में UPI लेनदेन की देखरेख करने वाली बॉडी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साथ मिलकर UPI Payment के लिए 30 फीसद ट्रांजैक्शन लिमिट सेट किया जा सकता है। रिपोर्ट की मानें, तो NPCI की तरफ से नए नियम को 31 दिसंबर तक लागू किया जा सकता है।

अनलिमिटेड UPI पेमेंट पर लगी रोक

बता दें कि मौजूदा वक्त में UPI पेमेंट करने को लेकर कोई ट्रांजैक्शन लिमिट सेट नहीं है। यानी अभी आप अनलिमिटेड UPI पेमेंट कर सकते हैं। NPCI की तरफ से नवंबर 2022 में थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप के लिए 30 फीसद UPI ट्रांजैक्शन कैप का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूरी मिलने की संभावना है। रिपोर्ट की मानें तो 31 दिसंबर तक 30 फीसद UPI ट्रांजैक्शन लिमिट पर फैसला लिया जा सकता है। ऐसे में 31 जनवरी के बाद PhonePe और Google Pay से अनलिमिटेड UPI पेंमेंट पर रोक लग सकती है।

पहली बार नहीं आया ऐसा प्रस्ताव

हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह का प्रस्ताव आया है। इससे पहले साल 2020 में भी NPCI ने 30 फीसद UPI पेमेंट का प्रस्ताव रखा गया था।

स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस अग्निलेट- भारत में बना दुनिया का पहला सिंगल-पीस, 3डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन​

बेंगलुरु, आठ नवंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) ने भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा विकसित एक रॉकेट इंजन के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।

वीएसएससी ने तिरूवनंतपुरम में अपने ‘वर्टिकल टेस्ट फैसिलिटी’, थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉंचिंग स्टेशन में अग्निलेट इंजन का 15 सेकंड का परीक्षण किया।

इसरो ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इसरो और अग्निकुल कॉसमॉस के बीच हस्ताक्षरित किये गये एक सहमति पत्र के तहत यह परीक्षण किया गया। यह भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप को इन-स्पेस (इंडियन नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड ऑथोराइजेशन) के जरिये सुविधाओं का उपयोग करने का अवसर उपलब्ध कराएगा।

निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष आधारित गतिविधियों को बढ़ावा, अनुमति देने और निगरानी करने के लिए इन-स्पेस एक स्वायत्त सरकारी एजेंसी है।

अग्निकुल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने अपने पेटेंट वाली प्रौद्योगिकी आधारित, पूर्ण 3डी प्रिंटेड, दूसरे चरण का सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-अग्निलेट- के एक प्रारूप का वीएसएससी में सफल परीक्षण किया है।’’

अग्निलेट- भारत में बना दुनिया का पहला सिंगल-पीस, 3डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन

अग्निकुल कॉसमॉस के बनाए दुनिया के पहले सिंगल-पीस 3 डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन का सफल परिक्षण किया गया। यह परीक्षण तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की ‘वर्टिकल टेस्ट फेसिलिटी’ में हुआ।

चार नवंबर 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में इस सफल परिक्षण के साथ ही विकास और संभावनाओं की एक नई उड़ान को भी मज़ूरी दी गई। 

तिरूवनंतपुरम में ‘वर्टिकल टेस्ट फेसिलिटी’ के रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन में अग्निलेट इंजन का 15 सेकंड का परीक्षण किया गया था। इसरो ने एक बयान में कहा कि इसरो और अग्निकुल कॉसमॉस के बीच एक सहमति पत्र के तहत यह परीक्षण किया गया।

अग्निकुल कॉसमॉस स्टार्टअप का यह रॉकेट इंजन पूरी तरह से भारत में ही बनकर तैयार हुआ है। थ्री-डी प्रिंटिंग तकनीक में भी यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।  

श्रीनाथ रविचंद्रन और मोइन एसपीएम, साल 2017 से अपने स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस के ज़रिए, छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बनाने पर काम कर रहे हैं।

अग्निकुल कॉसमॉस के इस 3D प्रिंटेड इंजन के क्या होंगे इसके फायदे?

इंजन परीक्षण की सफलता से स्टार्टअप के लॉन्च व्हीकल ‘अग्निबाण’ के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जो 100 से 300 किलोग्राम तक पेलोड को धरती से ऑर्बिट (करीबन 700 किमी) तक ले जाने में सक्षम है।

अग्निकुल कॉसमॉस के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा, “हमारी इन-हाउस तकनीक को मंजूरी मिलने के अलावा, इस सफलता से यह समझने में भी आसानी मिलेगी कि बड़े स्तर पर रॉकेट इंजन को कैसे डिजाइन और विकसित किया जाए! इसे संभव बनाने के लिए हम IN-SPACe और इसरो के शुक्रगुज़ार हैं।”

अग्निकुल कॉसमॉस को हाल ही में सरकार की ओर से सिंगल पीस रॉकेट इंजन डिज़ाइन करने के लिए सम्मानित भी किया गया है। इसके साथ ही स्टार्टअप की ओर से एक और बड़ी घोषणा की गई  है। वह जल्द ही IIT मद्रास रिसर्च पार्क में अपनी रॉकेट फैक्ट्री फॉरेस्ट का उद्घाटन करेंगे, जो भारत की पहली रॉकेट बनाने की फैक्ट्री होगी, जिसमें 3D प्रिंट पर काम किया जाएगा।

Statue of Purity
Statue of Purity विश्व की सबसे ऊँची 151 फुट उत्तंग अष्ट धातु की भगवान मुनिसुव्रत नाथ स्वामी जी की प्रतिमा

भारत (अष्टापद तीर्थ जैन मंदिर गुरुग्राम दिल्ली) में बनने जा रही है विश्व की सबसे ऊँची 151 फुट उत्तंग अष्ट धातु की श्री 1008 भगवान मुनिसुव्रत नाथ स्वामी जी की प्रतिमा,

अष्टापद तीर्थ जैन मंदिर गुरुग्राम राजधानी दिल्ली के समीप बिलासपुर चौक के पास पुराने टोल दिल्ली जयपुर हाइवे के पास है जंहा बनने जा रही है विश्व की सबसे ऊँची 151 फुट उत्तंग अष्ट धातु की श्री 1008 भगवान मुनिसुव्रत नाथ स्वामी जी की प्रतिमा,

देश की पहली 151 फीट ऊंची भगवान मुनिसुव्रत नाथ की अष्ट धातु प्रतिमा का निर्माण हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित अष्टापद जैन तीर्थ में होगा। इसके निर्माण के लिए उपयोगी अष्ट धातु को एकत्रित करने के लिए पुण्यार्जाक रथ 11 नवंबर से भोपाल से निकलकर प्रदेश के सभी जैन मंदिरों में भ्रमण कर रहा हैं। जो गुरुवार और शुक्रवार को मनावर में पहुंचा। यह रथ देश के विभिन्न शहरों से लेकर गांव भेजा जाएगा।

इस प्रतिमा का नाम ‘स्टेच्यू ऑफ प्‍युरिटी’ रखा गया है। प्रतिमा के निर्माण में 35 हजार टन अष्ट धातु का उपयोग होगा, जिसके लिए पुण्यार्जाक रथ हर शहर और गांव में जाकर धातु का कलेक्शन कर रहा है। जिसके माध्यम से अधिकांश जैन समाजजन प्रतिमा के निर्माण में अपने घर में रखे अष्ट धातु को दान कर प्रतिमा निर्माण में सहभागिता प्रदान कर रहे हैं।

 इसकी शुरुआत 2018 में श्रवण बेलगोला बाहुबली महा मस्काभिषेक के दौरान दिगंबर जैन समाज के 32 आचार्य, 4 उपाध्याय, 4 सौ मुनि, आर्यिका, ऐलक, छुल्लक, छुल्लिका के पावन सानिध्य में शुरुआत की गई।

रथ के संयोजक अमर जैन ने कहा कि इस प्रतिमा के प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी धर्मचंद शास्त्री दिल्ली के हैं। भारत देश से 10 हजार टन अष्‍ट धातु इकट्ठा होते ही प्रतिमा की ढलाई का कार्य जाएगी। अभी मप्र में प्रदेश में दो पुण्यार्जाक रथ के माध्यम से करीब 100 गांवों में पहुंच चूका है। अभी तक 15 टन अष्टधातु दान के रूप में प्राप्त हो गई है। रथ के माध्यम से सर्वधर्म समाज के नागरिक भी अपनी इच्छा अनुसार दान कर सकते है।

मंदिर जी में चमत्कारी कलिकुण्ड पार्श्वनाथ का ऐतिहासिक यंत्र बनाया गया है जो मात्र अष्टापद में ही है, भगवन आदिनाथ के समीप में अतिशययुक्त श्री चन्द्रप्रभु भगवन की मूर्ति विराजमान है

Statue of Purity

वंहा पर विश्व की सबसे ऊँची 151 फुट उत्तंग अष्ट धातु की दिगंबर जैन तीर्थंकर श्री 1008 भगवान मुनिसुव्रत नाथ स्वामी जी की प्रतिमा का निर्माण हो रहा जो विश्व में आदृतिय प्रतिमा होगी

प्रतिमा के चारो और 10000 लोगो के बैठने की समुचित व्यवस्था के लिए एक अतिआधुनिक सज्जाओ से परिपूर्ण दीर्घा का निर्माण प्रस्तावित है

purity

नई सोच, नई उड़ान, एक लक्ष्य, एक काम, एक संकल्प , 151 फिट प्रतिमा निर्माण

मूर्ति की विशेषता

मूर्ति निर्माण में 35 हजार टन धातु लगने की संभावना है। मूर्ति के साथ 181 फुट का परिकर भी बनेगा। मूर्ति की ऊंचाई 151 फुट रहेगी। मूर्ति का निर्माण अति आधुनिक टेक्नोलॉजी से होगा। मूर्ति का निर्माण 10 ताल (10 अलग-अलग भागों) में होगा। इस मूर्ति की नींव 140 फुट की होगी और दस हजार दर्शननार्थ एक जगह बैठ सकेंगे, इसके लिए विशाल स्टेडियम बनेगा।

विश्व में प्रथम शनिग्रहारिष्ट निवारक अद्वितीय विशालकाय भगवान महामुनि मुनिसुव्रत स्वामी की 151 फुट ऊंची भव्य कलाकृति के साथ अष्ट धातु से निर्मित की जाएगी।

प्रतिमा जी की ऊंचाई 151 फिट होगी , जिसमे 25000 टन से अधिक अष्टधातु का प्रयोग होगा
प्रतिमा जी का परिकर 180×180 फिट
परिकर और पडम का बजन 10000 टन से अधिक होगा
प्रतिमा जी में 25000 टन ताम्बा पीतल
प्रतिमा जी में 10000 टन एल्युमुनियम , जस्ता , जर्मन सिल्वर , टिन
प्रतिमा जी में 250 KG सोना
प्रतिमा जी में 3000 KG चाँदी का प्रयोग होगा

Statue of Purity
mpopen school
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड MP OPEN SCHOOL
mpopen school

 

मध्य प्रदेश में सबके लिए शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु वैकल्पिक शिक्षा की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली के अनरूप म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना मंत्रिपरिषद के निर्णय दिनांक 29/03/1995 के फलस्वरूप की गई। यह संस्था अगस्त 1995 से स्वायत्तशासी संस्था के रूप में पंजीकृत समिति के रूप में कार्य कर रही है

कार्यप्रणाली

म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा शिक्षा की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था अत्‍यधिक लचीली मुक्‍त शिक्षा के माध्‍यम से की जाती हैा छात्रों को कक्षा 10वीं तथा 12वीं की इस लचीली शिक्षा के माध्‍यम से शिक्षित होने के कई अवसर लगातार उपलब्‍ध कराए जाते हैंा प्रदेश के सभी जिलों में स्‍थापित अध्‍ययन केन्‍द्रों के माध्‍यम से ऑनलाइन प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती हैा म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड की योजनाओं में परीक्षार्थियों को परीक्षा उत्‍तीर्ण करने हेतु लगातार 9 अवसर प्रदान किए जाते हैंा छात्र के उत्‍तीर्ण विषयों का संकलन तब तक किया जाता है जब तक कि वह पूरे 5 विषयों को परीक्षा पास नहीं कर लेताा छात्र को 5 विषयों की परीक्षा उत्‍तीर्ण करने के बाद अंकसूची तथा प्रमाणपत्र दिए जाते हैं

मान्‍यता एवं समकक्षता

मध्‍य प्रदेश राज्‍य मुक्‍त (ओपन) स्‍कूल शिक्षा बोर्ड की हाईस्‍कूल एवं हायर सेकण्‍डरी की परीक्षाओं को निम्‍न बोर्ड/मण्‍डल/संस्‍थान द्वारा मान्‍यता प्रदान की गई है :-

1. माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल म;प्र भोपाल

2. महाराष्‍ट्र राज्‍य माध्‍यमिक व उच्‍च माध्‍यमिक शिक्षण मण्‍डल पुणे

3. माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्‍थान अजमेर

4. केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) दिल्‍ली

5. राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान (NIOS) (पूर्व में राष्‍ट्रीय ओपन स्‍कूल)

6. म.प्र. शासन, उच्‍च शिक्षा विभाग

7. भारतीय सेना

8. भारतीय विश्‍वविद़यालय संघ (AIU)

9. भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड मण्‍डल (COBSE)

10. म.प्र.राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा परिषद भोपाल द्वारा आयोजित की जाने वाली हाईस्‍कूल एवं हायर सेकण्‍डरी कीपरीक्षाओं की समकक्षता हेतु म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग का आदेश क्र. सी 3-7/2017/1/3, भोपाल, दिनांक 09 मई 2017new_image.gif (2181 bytes)

अध्‍ययन की योजनाऍं

सामान्‍य योजना

सामान्‍य योजना के अंतर्गत छात्र को म0प्र0 राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड की विषय सूची में से चयन कर ओपन स्‍कूल की 05 विषयों में परीक्षा देना होता है। हाईस्‍कूल परीक्षा हेतु प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्‍यता तथा आयु बंधन नहीं है, जन्‍मतिथि का प्रमाण देना आवश्‍यक है। हायर सेकण्‍डरी परीक्षा में प्रवेश हेतु परीक्षार्थी का मान्‍यता प्राप्‍त मण्‍डल से कक्षा 10वीं उत्‍तीर्ण होना आवश्‍यक है। कक्षा 10वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात कक्षा 12वीं की परीक्षा हेतु दो वर्ष का अंतराल अत्यावश्यक है।

पूर्ण क्रेडिट योजना

माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल म.प्र./अन्‍य मान्‍यता प्राप्‍त मंडलों/अन्‍य राज्‍य ओपन स्‍कूलों/अन्‍य राज्‍यों के माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डलों तथा सी.बी.एस.ई; के कक्षा 10वीं तथा कक्षा 12वीं के अनुत्‍तीर्ण छात्र जो कम से कम एक विषय में उत्‍तीर्ण हों वे म.प्र.राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड में पूर्ण क्रेडिट योजना के अंतर्गत प्रवेश ले सकते हैंा पूर्ण क्रेडिट योजना में छात्रों को न्‍यूनतम एक एवं अधिकतम दो उत्‍तीर्ण विषयों के क्रेडिट (अंकों के स्‍थानान्‍तरण) की सुविधा होगीा क्रेडिट सिर्फ उन्‍हीं विषयों का दिया जा सकेगा जो म.प्र.राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषय हों अर्थात जो इस कार्यालय की विषय सूची में से ही विषय हों। म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड में अन्‍य मण्‍डल आदि के पृथक-पृथक विषयों के (अनुपातिक) अंक तभी मान्‍य होंगे जब पूर्व मण्‍डल की अंकसूची में सभी विषय हों, जो राज्‍य ओपन स्‍कूल की विषय सूची में हैा ऐसा ना होने पर उस विषय का क्रेडिट मान्‍य नहीं होगाा जिन छात्रों के द्वारा क्रेडिट योजना में प्रवेश लिया जाता है और उनकी अंकसूची में ग्रेड दिया गया है ऐसे छात्रों को अपने मंडलों से ग्रेड वाले विषयों के अंक लाना होगा। यह जानकारी प्रवेश आवेदन फार्म के साथ संलग्‍न करने पर ही प्रवेश मान्‍य होगा। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को अपने पूर्व मण्‍डल से अनुत्‍तीर्ण परीक्षा की मूल अंकसूची प्रवेश फार्म के साथ संलग्‍न करना अनिवार्य होगाा प्रवेश फार्म में क्रेडिट के जिन विषयों के अंकों का स्‍थानान्‍तरण चाहा जा रहा है उन विषयों की एवं चयनित विषयों की पृथक-पृथक जानकारी अंकित करना अनिवार्य होगाा मूल अंकसूची के विषय छोड़कर अन्‍य विषय आवेदक ले सकता है।

नोट – उपरोक्‍त दोनों योजनाओं के अंतर्गत प्रवेश लेने वाले छात्र/छत्राएं एक अतिरिक्‍त विषय का चयन कर सकते हैं। इस हेतु शुल्‍क तालिका अनुसार एक विषय का अतिरिक्‍त शुल्‍क जमा करना होगाा इस अतिरिक्‍त विषय के अंक मतायोग में नहीं जोडे जावेंगे।

अंशत:क्रेडिट योजना

इस योजना के अंतर्गत हाईस्‍कूल/हायर सेकण्‍डरी पूर्व के उत्‍तीर्ण छात्र अपने ज्ञानवर्धन हेतु कोई अन्‍य विषय/विषयों (अधिकतम चार) में परीक्षा देकर म.प्र.राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा पास कर सकते हैंा इस योजना के अंतर्गत परीक्षा देने वाले छात्रों की अंकसूची में केवल उन विषयों के ही प्राप्‍तांक दर्शाए जायेंगे जिसमें उनहोंने परीक्षा दी है। प्राप्‍तांकों का योग नहीं होगा। इन छात्रों को माइग्रेशन एवं बोर्ड प्रमाणपत्र जारी नहीं हो सकेगा।

पुन:प्रवेश योजना

जो छात्र म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित कक्षा 10वीं या 12वीं 9 (नौ) बार परीक्षा देने के बाद भी उत्‍तीर्ण नहीं होते हैं। अर्थात यदि छात्र 9 (नौ) बार परीक्षा देने के बाद भी अनुत्‍तीर्ण रहता है एवं बिना पुन: प्रवेश लिए 10वीं वार परीक्षा में सम्मिलित होता है तो उसकी परीक्षा निरस्‍त मानी जावेगी। उसे पुन: उसी कक्षा की परीक्षा देने हेतु पुन: प्रवेश लेना होता है एवं निर्धारित शुल्‍क जमा करनी होती है परन्‍तु ऐसी स्थिति में छात्र केवल उन्‍हीं विषयों में परीक्षा दे सकता है जिनमें वह 9 (नौ) वार परीक्षा देने के बाद भी अनुत्‍तीर्ण रहा है। इन छात्रों को प्रवेश फाम्र के साथ अपनी मूल अंकसूची अवश्‍यक जमा करनी होगी।

श्रेणी सुधार योजना

म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड के छात्र जो कक्षा 10वीं या 12वीं कक्षा उत्‍तीर्ण के बाद पुन: श्रेणी सुधार हेतु परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो, इन छात्रों के श्रेणी में सुधार होने पर नई अंकसूची एवं सुधर न होने पर पुरानी अंकसूची प्रदान की जायेगी श्रेणी सुधार हेतुऑनलाइन पंजीयन फार्म भरकर विषयवार निर्धारित परीक्षा पंजीयन शुल्‍क देना होगा जिन विषयों के अंतर्गत प्रायोगिक परीक्षा शामिल है उनमें अंकसुधार हेतु सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों ही परीक्षाऍं देनी होंगी इस योजना में अन्‍य मण्‍डलों से उत्‍तीर्ण छात्रों को श्रेणी सुधार की पात्रता नहीं है इस योजना के अंतर्गत छात्रों को 10वीं अथवा 12वीं कक्षा उत्‍तीर्ण होने के बाद उससे निकटतम अगली परीक्षा में सम्मिलित होने की ही पात्रता होगीा ये छात्र एक विषय अथवा अधिक विषयों में परीक्षा देकर अपने अंकों में श्रेणी सुधार कर सकेंगे

व्‍यावसायिक शिक्षा

म.प्र. राज्‍य मुक्‍त स्‍कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्तमान में हायर सेकण्‍डरी पाठ्यक्रम में चार व्‍यावसायिक विषयों यथा आशुलिपि (हिन्‍दी), खाद्य संसाधन, कटिंग टेलरिंग एण्‍ड ड्रेस मटेरियल तथा कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर असेम्‍बली एण्‍ड मेंटनेंस की शिक्षा दिये जाने का प्रावधान है यह सुविधा ओपन स्‍कूल के कुछ चुने हुए अध्‍ययन केन्‍द्रों पर ही उपलब्‍ध हैं जिन केन्‍द्रों पर इन चार व्‍यावसायिक विषयों के अध्‍ययन की व्‍यवस्‍था कराई गई है उन्‍हें इस विवरणिका के केन्‍द्र सूची में तारांकित किया गया है एक तारांकित केन्‍द्रों पर आशुलिपि (हिन्‍दी), दो तारांकित केन्‍द्रों पर खाद्य संसाधन, तीन तारांकित केन्‍द्रों पर आशुलिपि (हिन्‍दी) व खाद्य संसाधन की व्‍यवस्‍था है, चार तारांकित केन्‍द्रों पर आशुलिपि, कटिंग टेलरिंग एण्‍ड ड्रेस मटेरियल एवं कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर असेम्‍बली एण्‍ड मेंटनेंस विषय उपलब्‍ध हैंा पॉंच तारांकित केन्‍द्रों में चारों व्‍यावसायिक विषय की शिक्षा देने की व्‍यव्‍स्‍था उपलब्‍ध हैा छात्र यदि चाहे तो इन 4 व्‍यावसायिक विषयों में से कोई एक विषय, अन्‍य शैक्षणिक विषयों के साथ चुन सकता हैंा यह ध्‍यान रखा जावे कि छात्र अपने शैक्षणिक विषयों के साथ केवल एक ही व्‍यावसायिक विषय ले सकता हैा चारों विषय सैद्धांतिक व प्रायोगिक दोदो भागों में हैं 

कक्षा 12वीं समकक्षता योजना

इस योजना हेतु 10वीं के साथ दो वर्षीय आई.टी.आई. पाठ्यक्रम परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी के लिए कोई एक भाषा तथा उद्यमिमता एवं रोजगार कौशल (इन्टरप्रोनरसिप) विषय और एक वर्षीय आई.टी.आई. उत्तीर्ण विद्यार्थी के लिए एक भाषा एवं एक विषय ओपन स्कूल की कक्षा 12वीं विषय सूची से तथा उद्यमिता एवं रोजगार कौशल (इन्टरप्रोनरसिप) के प्रश्नपत्र परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। आई.टी.आई. के मूल तीन विषयों की नार्मलाइज्ड क्रेडिट प्रदान की जावेगी।

Ashok patni india today
भामाशाह श्री अशोक पाटनी किशनगढ़ (आर.के मार्बल) इंडिया टुडे के मुख्य पेज में

आचार्यश्री की एक सलाह से मार्बल किंग बन गए अशोक पाटनी, कभी स्कूटर पर बेचा करते थे माचिस

ashok patni

कहते हैं अगर आप ईमानदारी से मेहनत करो तो ईश्वर भी आपके पास मदद के लिए किसी न किसी को भेज देता है। कुछ ऐसी ही कहानी है मार्बल किंग अशोक पाटनी की। जो अपने करोड़पति बिजनेसमैन होने का श्रेय आचार्यश्री को देते हैं। उनका कहना है कि उन्हीं के आशीर्वाद से आज वह इस मुकाम पर हैं कि लोग उन्हें मार्बल किंग कहते हैं।

सालों पहले स्कूल से माचिस बेचने का कोराबर करने वाले एक बिजनेसमैन आज मार्बल किंग के नाम से पहचाने जाते हैं। आरके मार्बल समूह को राजस्थान में मार्बल किंग के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ के मार्बल कारोबारी अशोक पाटनी पिछले 12 साल से भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने का इंतजार कर रहे हैं। अशोक पाटनी की एक ही जिद है, कि उन्हें भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा आचार्य श्री के ही हाथों से करवाना है। जिसके लिए वह सालों से इंतजार कर रहे हैं।

एक असाधारण व्यक्तित्व है लेकिन बहुत साधारण है, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति की जो अपना जीवन एक साधारण परिवेश में जीते हैं लेकिन वह व्यक्तित्व एक असाधारण व्यक्तित्व का धनी है है जी हां हम बात कर रहे हैं इस देश का गौरव ,जैन समाज का गौरव ,व्यवसाय का गौरव ,धर्म का गौरव ,उदार मना व्यक्तित्व भामाशाह आदरणीय श्री अशोक पाटनी आर के मार्बल। हम देखें तो उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण है जिनकी जिनकी अगर वैभव संपदा को देखा जाए तो विशाल नजर आएगा,लेकिन उनका जीवन सादा जीवन उच्च विचार को परिलक्षित करता है।

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चित्र सौजन्य : इंडिया टुडे

हाल में भी भारत की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे ने नबम्बर 2022 के अपने मुख्य पृष्ठ में भारत के धनी और क़ामयाब लोगो पर लेख “कस्बाई कुबेर” प्रकाशित किया जो भारत के छोटे कस्बो या शहरो से आते है जिसमे श्री अशोक (सुरेश) पाटनी , कमल किशोर शारदा , अलख पांडेय , रजत अग्रवाल और धर्मेंद्र नगर जी का नाम शामिल हो

एक साधारण व्यक्ति की तरह जीवन जीना उनकी महानता को दर्शाता है।

उन्हें किसी प्रकार का कोई मान गुमान नहीं मान सम्मान से परे यह व्यक्तित्व है। आम व्यक्तित्व की तरह भोजन करते हमें दिखाई दे रहे हैं। यह जीवन में एक आम आदमी की तरह की तरह नजर आते हैं।हम देख रहे हैं कितनी सादगी के साथ अपना भोजन ले रहे हैं, लेकिन आज के अगर हम देखें तो लोग अपना वैभव अपनी संपदा का प्रदर्शन करते दिखाई देते हैं। लेकिन यह व्यक्तित्व इन सब से परे होकर कार्य कर रहा है।इनका जीवन दर्शाता है यह सादगी ही जीवन का मार्ग है सादगी के द्वारा ही विशालता की और पहुंचा जाता है। अगर हम कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है की साधारण मानव ही एक का साधारण मानव बन सकता है।

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण श्री अशोक पाटनी के द्वारा परिलक्षित होता है। आपके द्वारा सेवा समर्पण परोपकार जीव दया और किये गए कार्यो का अगर इतिहास लिखा जाए तो एक अध्याय लिखा जा सकता है। यह व्यक्तित्व समाज के लिए राष्ट्र के लिए मानवता के प्रति प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है। सचमुच यह हम सबके गौरब है।

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ठंड के कारण स्कूल का समय हुआ चेंज | जबलपुर कलेक्टर श्री शेखर कुमार सुमन का आदेश

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ठंड के कारण स्कूल का समय हुआ चेंज

ठंड के कारण स्कूल का समय हुआ चेंज

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जबलपुर कलेक्टर श्री शेखर कुमार सुमन ने जबलपुर जिले में लगातार तापमान में गिरावट के कारण बढ़ती सर्दी में रखते हुए जिले में संचालित समस्त शासकीय / अशासकीय / अनुदानप्राप्त / मान्यता प्राप्त CBSC /ICSC / MPBSE प्राथमिक / माध्यमिक / हाई / हा0 सेकेंडरी शालाओ का संचालन दिनाक 23 नबम्बर 2022 से सुबह 8:30 बजे या उसके पश्चात करने का आदेश दिया .

आगामी आदेश तक यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागु होगा

Jabalpur News

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MPBSE अब कक्षा 9 से 12 तक की अर्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर 2022 से
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अब कक्षा 9 से 12 तक की अर्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर 2022 से

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल मध्यप्रदेश की कक्षा 9 से 12 तक की अर्धवार्षिक परीक्षा 1 दिसम्बर 2022 होना था लेकिन अब इसकी तिथी को आगे बढ़ा दिया गया है लोक शिक्षण संचानालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन का कारण मध्यप्रदेश में 4 और 5 दिसम्बर 2022 को अनुगूँज कार्यक्रम आयोजित है जिस कारण परीक्षाओ पर इसका असर पड़ सकता है इस कारण यह निर्णय लिया गया की कक्षा 9 से 12 तक की अर्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर 2022 से आयोजित कराई जाये

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भगवान हनुमान के चित्र वाला केक काट कर घिरे मध्यप्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ और मध्यप्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ द्वारा भगवन श्री हनुमान और मंदिर की आकृति वाला चार मंजिला केक कटा गया , बताया जा रहा है छिंदवाड़ा के शिकारपुर स्थित आवास में समर्थको के द्वारा केक लाया गया था जिसे श्री कमलनाथ द्वारा कटा गया , जिस पर मध्यप्रदेश का सियासत गर्म हो गया है , वर्तमान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कमलनाथ को बगुला भगत शब्द से सम्बोधित किया गया और सनातन परंपरा का अपमान बताया , वोट बैंक के लिए कमलनाथ को हनुमान याद आते है इनको हिन्दू समाज कभी माफ़ नहीं करेगा , भाजपा ने इसके विरोध में छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर में भजन कीर्तन किया

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