LOGIN PASSWORD HAS EXPIRED | Daily Limit exceeded to Set Password
आज कल वित्तीय धोका धड़ी बढ़ती जा रही और और आपके मोबाइल वॉलेट और बैंक में रखा पैसा जोखिम भरा हो सकता है इसीलिए सुरक्षा कारणों से हमें आपने पासवर्ड बदलते रहने चाहिए, पर कई बार हम ऐसा नहीं करते और फ्रॉड का शिकार हो जाते है, इसीलिए कंपनियों द्वारा हमारे द्वारा बनाये गए पासवर्ड की एक समय अवधि नियत की गई है जिसमे समान्यता 365 दिन पूरे होने पर हमारा पासवर्ड EXPIRED हो जाता है पासवर्ड के EXPIRED हो जाने के बाद उस पासवर्ड से आपकी अधिकारी ID (SMA) लॉगिन नहीं होगी आपको नया पासवर्ड बनाना पड़ेगा,
Spice Money का Password EXPIRED हो जाने के आपको नया password बनाना पड़ेगा , नया password बनाते समय कंपनी द्वारा आपके register मोबाइल नंबर पर एक OPT सेंड किया जायेगा , आपको वो otp डालने के बाद नया password बनाना पड़ेगा नया password बनाते समय आपको ध्यान रखना है की
नया पासवर्ड कम से कम 8 अक्षरों का हो
नया पासवर्ड पुराने पासवर्ड से मेल न खाता हो
नए पासवर्ड में कम से एक अक्षर कैपिटल (अंग्रेजी का बड़ा अक्षर) हो
नए पासवर्ड में कम से एक अक्षर स्माल (अंग्रेजी का छोटा अक्षर) हो
नए पासवर्ड में कम से एक स्पेशल सिंबल हो (जैसे @ $ # *)
नए पासवर्ड में कम से एक नंबर हो
ऊपर वर्णित नियम को ध्यान में रख कर आप नया पासवर्ड बना सकते है उदहारण के लिए India@2022
अगर आप बार बार पासवर्ड सेट करने का असफल प्रयास करते है और ये प्रयास 5 बार कर चुके है तो आपको एक सन्देश (Daily Limit exceeded to Set Password) आएगा जिसके अनुसार आप एक दिन में जितने बार पासवर्ड सेट करने का प्रयास कर सकते थे वो पूरे हो गए है ऐसी स्तिथि में आपको कंपनी के कस्टमर केयर में कॉल करने नए OTP के लिए अनुरोध करना होगा, नया OTP आने के बाद आप ऊपर दिए गए नियम के अनुसार पासवर्ड बना सकते है
Aadhaar Enabled Payment System (AePS) की सुविधा भारत सरकार की वित्तीय समावेशन योजना को साकार रूप देने में एक महत्त्व पूर्ण सुविधा है जिसके माध्यम से ग्राहक बिना बैंक जाये आपने घर के पास किसी भी ग्राहक सेवा केंद्र से आधार कार्ड के माध्यम से नगद निकासी कर सकता है वर्तमान में कई निजी कंपनी ग्राहक सेवा केंद्र उपलब्ध कराती है, परन्तु निजी कंपनी से ग्राहक सेवा केंद्र लेना बहुत आसान होने के कारण Aadhaar Enabled Payment System (AePS) में बहुत अधिक मात्रा में वित्तीय धोका धड़ी हो रही जिसमे ग्राहक की जानकारी के बिना उनके खाते से पैसा निकल लेना या अधिक पैसा निकल लेना जैसे प्रकरण शामिल है चुकी Aadhaar Enabled Payment System (AePS) के अधिकांश उपयोगकर्ता ग्राहक ग्रामीण परिवेश के होते है जिस कारण वो आपने साथ होने वाले धोके से अनभिज्ञ होते है कई केस में तो उनको पता भी नहीं चलता की उनके साथ कोई वित्तीय धोका हुआ है , क्यों की वो पासबुक अपडेट करने या मोबाइल SMS को इंग्लिश में पड़ने में असक्षम होते है
इसकी आवस्यकता क्यों पड़ी
Aadhaar Enabled Payment System (AePS) के माध्यम से फ्रॉड करने वाला व्यकित को पकड़ना और ट्रेक करना बहुत कठिन है , अगर ऐसा व्यक्ति फ्रॉड करने के बाद पहचाना जाता है तो वो पुरानी कंपनी का ग्राहक सेवा केंद्र बंद कर नई कंपनी से काम करने लगता है
इस प्रकार के फ्रॉड को रोकने के लिए NPCI (National Payments Corporation of India) ने एक नई व्यवस्था शुरू की है जिसमे वित्तीय फ्रॉड वाले ग्राहक सेवा केंद्र को पहचान कर NPCI Agent Negative List में डाला जायेगा और NPCI Agent Negative List वाले व्यक्ति या संस्था की सभी निजी कंपनी या बैंक से सम्बन्ध सभी एजेंसी (ग्राहक सेवा केंद्र )को बंद कर दिया जायेगा
NPCI Agent Negative List में नाम कैसे जुड़ता है
NPCI (National Payments Corporation of India) का मुख्य उद्देश फ्रॉड करने वाले व्यकित या ग्राहक सेवा केंद्र को पहचान करना और भविष्य में वो किसी भी प्रकार से ग्राहक सेवा केंद्र संचालित न कर सके उसको रोकना है साथ ही को होने वाली वित्तीय हानि को फ्रॉड करने वाले व्यकित या ग्राहक सेवा केंद्र से वसूलना है
जब ग्राहक सेवा केंद्र प्रदाता कंपनी को पता चलता है की उसके किसी ग्राहक सेवा केंद्र ने ग्राहक के साथ फ्रॉड किया है तो वो उस ग्राहक सेवा केंद्र की ID/Code को तत्काल प्रभाव से बंद कर देता है और ग्राहक सेवा केंद्र की जानकारी जैसे PAN, Aadhaar , मोबाइल, email आदि NPCI (National Payments Corporation of India) को NPCI Agent Negative List में शामिल करने भेज देता है इसके बाद NPCI (National Payments Corporation of India) उस ग्राहक सेवा केंद्र/ व्यक्ति को NPCI Agent Negative List में शामिल कर देता है और सभी बैंक को उस ग्राहक सेवा केंद्र / व्यक्ति की जानकारी भेज देता है जिससे सभी बैंक उस ग्राहक सेवा केंद्र / व्यक्ति की सभी ID/Code को बंद कर देती है और बैंक आपने से जुड़े ग्राहक सेवा केंद्र उपलब्ध करने वाली निजी कंपनी को ये जानकारी दे देती है
एक बार यदि कोई ग्राहक सेवा केंद्र / व्यक्ति NPCI Agent Negative List में शामिल हो जाता है तो वो भविष्य में किसी भी प्रकार का बैंकिंग सेवा केंद्र नहीं चला सकता है ऐसा व्यक्ति रिटेलर (ग्राहक सेवा केंद्र), डिस्ट्रीब्यूटर या सुपर डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम नहीं कर सकता ऐसा व्यक्ति से सम्बंधित सभी रिटेलर (ग्राहक सेवा केंद्र), डिस्ट्रीब्यूटर या सुपर डिस्ट्रीब्यूटर को बंद कर दिया जाता है
चेक बाउंस के मामलों (Cheque Bounce Case) पर केंद्र सरकार सख्ती से निपटने की योजना बना रही है. आपको बता दे कि वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कड़े नियमो को लाने पर विचार कर रही है.
Finance Ministry ने चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी. इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं. ऐसे मामलों से कानूनी प्रणाली पर भार बढ़ता जा रहा है. इसमें कुछ ऐसे सुझाव हैं जिनमें कुछ कदम कानूनी प्रक्रिया से पहले उठाने पर चर्चा की गई है. साथ ही चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है तो उसके अन्य खातों से राशि काट लेना का नियम आ सकता है.
कानूनी राय पर विचार
सूत्रों के अनुसार अन्य सुझावों में चेक बाउंस के मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी जानकारी लोन सूचना कंपनियों को देना शामिल है, जिससे कि व्यक्ति के अंक कम किए जा सके. इन सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगी.
ये सुझाव अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ेगा और मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद जानते-बूझते चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी. चेक जारी करने वाले के अन्य खाते से राशि स्वत: काटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया और अन्य सुझावों को देखना होगा. चेक बाउंस होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उद्योग संगठन (पीएचडीसीसीआई) ने हाल में वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया था कि चेक बाउंस के मामले में बैंक से पैसा निकलने पर कुछ दिन तक अनिवार्य रोक जैसे कदम उठाए जाएं जिससे कि चेक जारी करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके. PHDCCI का कहना है कि केंद्र सरकार को ऐसा कानून लाना चाहिए, जिसके तहत चेक का भुगतान नहीं होने की तारीख से 90 दिन के अंदर दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के जरिये मामले को सुलझाया जाएगा.
केन्द्रीय वित्तीय सेवा विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) ने एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उद्योग ने चेक बाउंस होने का मुद्दे को गंभीरता के साथ उठाया है. पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) के महासचिव सौरभ सान्याल का कहना है कि भारत सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कारोबार सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर रही है, इसलिए चेक के बाउंस होने से संबंधित मुद्दों पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है. यह खरीदार और विक्रेता के बीच अविश्वास पैदा करता है.
Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank का नया नाम, भारत सरकार के नोफिफिकेशन नंबर 3837 दिनांक 26 नबम्बर 2019 से Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank , Purvanchal Bank and Kashi Gomti Samyut Gramin Bank को मिला कर एक नया और बड़ा बैंक बनाया गया Baroda U.P. Bank जो बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) की स्पॉन्सरशिप से है और इसका हेड ऑफिस गोरखपुर में है
इन सभी बैंको के विलय के पहले इस बैंक का नाम बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक (Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank) था जो अब बड़ौदा उप्र बैंक (Baroda U.P. Bank) हो गया है बैंक के नाम से ग्रामीण शब्द को अलग कर दिया गया है
बैंक का नया Logo
साथ ही बैंक का नया लोगो भी जारी किया गया है जिसमे मध्य में Bank of Baroda का Logo है जो की स्पॉन्सरशिप बैंक है Baroda U.P. Bank का, Bank of Baroda के Logo दो “B” है जिनके मध्य में उगता हुआ सूरज है जिसे बड़ौदा Sun कहा जाता है
बड़ौदा Sun के दोनों ओर हरी पत्ती की टहनियाँ ग्रामीण भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देकर ग्रामीण लोगों की ‘आशा की किरण’ की रक्षा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
नया IFSC कोड
Purvanchal Bank and Kashi Gomti Samyut Gramin Bank के खाता धारक अब नए IFSC कोड BARB0BUPGX का प्रयोग करेंगे , ध्यान दे की IFSC कोड में BARB के बाद पांचवा अक्षर 0 (जीरो/शून्य है) O (ओ) नहीं है
बैंक खाते का शेष (बैलेंस)
बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक (Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank) के खाता धारक आपने बैंक खाते का शेष (बैलेंस) जानने के लिए आपने बैंक खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर से 9986454440 पर मिस्ड कॉल करके जान सकते है
जब आप किसी बैंक या इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश करते हैं तो आपसे कई बार फाइनेंशियल कामों में कैंसिल चेक मांगा जाता है. भले ही हम डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहे हों, लेकिन इसकी उपयोगिता बरकरार है.
क्या आप जानते हैं कि इंश्योरेंस कंपनियों को अपने बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी देने के बावजूद कैंसिल चेक मांगने का क्या कारण हो सकता है. आपको बता दें कि कैंसिल चेक से ट्रांजैक्शन नहीं किए जा सकते हैं. इसका इस्तेमाल केवल आपके अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है. जब किसी को कैंसिल चेक दिया जाता है तो दो समानांतर लाइन के बीच में Cancelled लिख दिया जाता है. जिससे आपके इस चेक का कोई भी गलत इस्तेमाल न कर सके.
कैंसिल चेक पर साइन जरूरी नहीं
जब आप किसी के कैंसिल चेक देते हैं तो कैंसिल चेक पर साइन करने की जरूरत नहीं होती है. इस पर आपको केवल कैंसिल लिखना होता है. इसके अलावा चेक पर क्रॉस मार्क बनाया जा सकता है. इस तरह का चेक आपके अकाउंट को केवल वेरिफाई करता है. अगर आपने किसी संस्थान को बैंक का कैंसिल चेक दिया तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका उस बैंक में खाता है. चेक पर आपका नाम हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है. आपका अकाउंट नंबर लिखा होता है और जिस ब्रांच में अकाउंट है, उसका IFSC कोड लिखा होता है. बता दें कि कैंसिल चेक के लिए आपको हमेशा केवल काली और नीली स्याही का इस्तेमाल करना चाहिए. किसी दूसरे रंग की स्याही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नहीं तो आपका चेक अमान्य कर दिया जाएगा.
कैंसिंल चेक की कब पड़ती है जरूरत
जब आप फाइनेंस से जुड़ा कोई काम करते हैं तो कैंसिल चेक मांगा जाता है. जब आप कार लोन, पर्सनल लोन, होम लोन लेते हैं तो लेंडर्स आपसे कैंसिल चेक की मांग करते हैं. ऐसा आपके अकाउंट को केवल वेरिफाई करने के लिए किया जाता है. अगर प्रोविडेंट फंड से ऑफलाइन पैसा निकालते हैं तो कैंसिल चेक की जरूरत होती है. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो कंपनियां कैंसिल चेक की जानकारी मांगती हैं. इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के पर भी इसकी जरूरत होती है.
कैंसिल चेक देते समय ध्यान रखें ये बातें
अगर आप यह सोचते हैं कि कैंसिल चेक बेकार है, तो ये सोचकर किसी को भी कैंसिल चेक नहीं देना चाहिए. कैंसिल चेक पर आपके बैंक खाते से जुड़ी अहम जानकारी होती है. इसका इस्तेमाल गलत तरीके से आपके खाते से पैसे निकालने के लिए किया जा सकता है. ऐसे में साइन किया हुआ चेक कभी भी कैंसिल कर किसी को न दें.
एक्सिस बैंक और पेनियरबाय मिलकर देश को सशक्त और समावेशी करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। इस बारे में विस्तार से हमारे फाउंडर, एमडी और सीईओ श्री आनंद कुमार बजाज और श्री मुनीश शारदा, ग्रुप एक्ज़िक्यूटिव एंड हेड भारत बैंकिंग-एक्सिस बैंक से जानिए।
Axis Bank and PayNearby partner to launch Savings and Current Bank accounts for last mile SMEs and customers at a nearby store
Axis Bank, India’s third largest private sector bank has partnered with PayNearby, India’s largest branchless banking and digital service network, to offer seamless opening of savings and current bank accounts for both last mile retailers and customers. Enabled by Aadhaar led authentication (eKYC), the opening of these bank accounts at a nearby local store will ensure easy access, greater convenience and a hassle-free process for customers. This partnership will empower Axis Bank and PayNearby to reach out to potential customers in remote regions of the country, and address common issues faced by them such as hassle of documentation, long processes, technology, lack of proximity and fear of a formal environment.
This initiative will enable Axis Bank to leverage PayNearby’s tech-backed Distribution-asa-Service (DaaS) network of 50+ lakh micro-entrepreneurs across 20,000+ PIN codes, ensuring that credible and easy to access financial solutions are available across the length and breadth of the country. Backed by Axis Bank’s product innovation, operational best practices and brand credibility, this partnership aims to re-bank the nation and accelerate the efforts of providing an active bank account for every small business and household in Bharat. This will simplify banking for the retail shop owners and individual customers, and further eliminate the need for them to travel long distances to operate their bank account.
Speaking on the development, Munish Sharda, Group Executive and Head – Bharat Banking, Axis Bank, said, ‘’We have been continuously working on innovation-led partnership models to offer our customers a value proposition specifically designed to cater to their requirements. Our partnership with PayNearby will enable us to extend our banking services to a huge customer base in semi-rural and rural regions and offer them an array of facilities along with the opening of a bank account. Meaningful growth in India will be driven through financial inclusion and this partnership is yet another step towards strengthening our mission towards Bharat Banking.’’
Speaking on the collaboration, Anand Kumar Bajaj, Founder, MD & CEO, PayNearby, said, “For India to become financially and digitally empowered at the last mile, it is important that the local retailers are given the necessary tools for their growth. PayNearby, as an entity, is keen on improving and enriching the professional and personal lives of its retail partners. With this simplified current account option with India’s leading bank, Axis Bank, we are giving our partners better control over their money. We thank Axis Bank for making this process so easy and hassle free, and for introducing biometric based e-KYC enabled account opening, in our network. This will go a long way in allowing our retailers to maintain healthy financial practices and thrive.
With the savings account offering, we hope to partner with Axis Bank and re-bank India, so that every household in the country is able to operate an active bank account. Axis Bank’s brand credibility and operational best practices will ensure the process is simple, secure and easy to use, and combined with the local trust of the network, it will accelerate the adoption across the country. We hope to get Bharat to the formal financial fold at an accelerated pace and inculcate a savings behavior among the masses.”
“With this partnership, we continue to empower our retailers and customers while improving the reach of Axis Bank in the remote hinterlands of the country. We will continue to bring innovative services to ensure that our retail partners and customers progress in life. PayNearby, Zidd Aage Badhne Ki!” he added.
The local SMEs partnering with PayNearby will now be able to avail Axis Bank services with ease and can also upgrade their business transactions in an efficient way. Bringing this service to a nearby retail store will increase the uptake of Axis Bank’s current account at the last mile. In a diversified geography like India, where the cost of acquisition and servicing often becomes unviable in remote geographies, this model will benefit from PayNearby’s existing infrastructure, local trust and its high-end technology to make banking available for all.