सूर्ग्रहण और दिवाली एक साथ विशेष एवं पूजन मुहूर्त 2022
इस वर्ष सन् 2022 को वैदिक मतानुसार दीपावली और लक्ष्मी पूजन 24 अक्टूबर 2022 की शाम या रात्रि में मनाई जाएगी क्योंकि वैदिक मतानुसार दीपावली पर्व मनाने के लिए शाम या रात्रि में अमावस्या तिथि का होना आवश्यक है जो कि 24 अक्टूबर 2022 को ही मिलेगी, 25 अक्टूबर 2022 को अमावस्या तिथि उदय काल में ही है अपरान्ह या शाम को अमावस्या नहीं है।
किन्तु जैन धर्म के ग्रन्थों के अनुसार भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक महोत्सव मनाने या निर्वाण लाड़ू चढ़ाने के लिए सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि का होना आवश्यक है जो कि 25 अक्टूबर 2022 को ही होगी और इसीलिए भगवान महावीर के निर्वाण कल्याणक का लाड़ू 25 अक्टूबर 2022 को चढ़ाया जाएगा और
जैनधर्म के अनुसार दीपावली भगवान महावीर के निर्वाण कल्याणक के पश्चात् उसी दिन शाम को गौतम गणधर के केवलज्ञान प्राप्ति के उपलक्ष्य में मनाई जाती है इसलिए जैनधर्म अनुयायियों की दीपावली भी 25 अक्टूबर 2022 की शाम को ही मनाई जानी चाहिए।
खाता पूजन के विभिन्न लग्नों की समय सारिणी
दिनाँक 23/10/2022 (धन्य त्रयोदशी)
मेष 16:19 से 17:56
वृष 17:56 से 19:53 मिथुन 19:53 से 22:07
सिंह 00:25 से 02:40
वृश्चिक 07:14 से 09:32 धनु 09:32 से 11:36 मकर 11:36 से 13:20 (इसी में अभिजित मुहूर्त आएगा)
कुम्भ 13:21 से 14:51
मीन 14:52 से 16:18
दिनाँक 24/10/2022 (वैदिक मतानुसार दीपावली, लक्ष्मी पूजन) मेष 16:15 से 17:53 वृष 17:53 से 19:50
मिथुन 19:50 से 22:03
सिंह 00:21 से 02:36
वृश्चिक 07:10 से 09:28
धनु 09:28 से 11:32
मकर 11:32 से 13:16 (इसी में अभिजित मुहूर्त आएगा)
कुम्भ 13:17 से 14:47
मीन 14:48 से 16:14
दिनाँक 25/10/2022 (जैन मतानुसार दीपावली अर्थात् महावीर भगवान निर्वाण लाडू एवं गौतमस्वामी केवलज्ञान पूजा)
मेष 16:12 से 17:50 (मणिपुर, अरुणाचल, सिक्किम और नागालैंड आदि के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत में सूर्यग्रहण दोष)
वृष 17:50 से 19:46
मिथुन 19:46 से 22:00
सिंह 00:17 से 02:32
वृश्चिक 07:06 से 09:24
धनु 09:24 से 11:28
मकर 11:28 से 13:12 (इसी में अभिजित मुहूर्त आएगा)
कुम्भ 13:12 से 14:44
मीन 14:45 से 16:12
नोट : दिनाँक 25/10/2022 को शाम 16:40 से 17:42 तक सूर्यग्रहण है जो कि मणिपुर और नागालैंड में सूर्यास्त के बाद होगा और सूर्यास्त के बाद होने से दृश्य नहीं है इसलिए दोषयुक्त भी नहीं है जबकि भारत के उन भागों में जहाँ सूर्यास्त 16:29 के बाद होगा वहाँ ही दोष माना जाएगा.
साभार : ज्योतिर्भूषण प्रतिष्ठाचार्य पण्डित महेश कुमार शास्त्री डीमापुर /कारीटोरन