वसंत पंचमी के दिन जरूर करें ये सरल 5 उपाय
Basant Panchami 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पचंमी का पर्व मनाया जाता है। मुख्य रूप से ये पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मुख्य रूप से ये पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। वसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि ये ज्ञान की देवी हैं। मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शौनक तथा व्यास जैसे महान ऋषि भी देवी सरस्वती की साधना से कृतार्थ हुए थे।
इतना ही नहीं कवि कालिदास ने भी विद्या और बुद्धि की देवी माता सरस्वती की कृपा से ही यश और ख्याति प्राप्त की थी। विद्यार्थियों को भी यदि विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति करना हैं तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना और उपाय करना चाहिए जिससे उन्हें माता सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त हो।
प्राचीन काल में वसंत पंचमी दिन से ही बालकों को शिक्षा देना प्रारंभ किया जाता था और यह परंपरा आज भी जीवित है। मान्यतानुसार इस दिन से शिक्षा प्रारंभ करने से बालक अपार सफलता और विद्या प्राप्त करता है।
वसंत पंचमी तिथि
पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी 25 जनवरी 2023 की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल वसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।
इस वसंत पंचमी पर विद्यार्थी/छात्र के लिए करने योग्य सरल उपाय
1. देवी मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए वसंत पंचमी पर प्रात:काल उठते ही हथेलियों के मध्य भाग के दर्शन करें।
2. वाक् सिद्धि के लिए वसंत पंचमी पर अपनी जिह्वा को तालु में लगाकर सरस्वती के बीज मंत्र ‘ऐं’ का जाप करना लाभदायक है।
3. बच्चों की कुशाग्र बुद्धि के लिए उन्हें इस दिन से ब्राह्मी, मेघावटी, शंखपुष्पी देना आरंभ करें।
4. वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को अपनी कठिन पाठ्यपुस्तकों में मोर पंख रखने चाहिए।
5. जिनकी वाणी में हकलाना, तुतलाना जैसे दोष हों, वे इस दिन बांसुरी के छेद से शहद भरकर तथा मोम से बंद कर जमीन में गाड़ें। ऐसा करने से लाभ मिलेगा।
वसंत पंचमी पूजा
- वसंत पंचमी वाले दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर साफ पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें।
- पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं।
- इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं।
- माता को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं।
- आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें। फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।