कल्पवृक्ष के सामान मुँहमाँगा फल देने वाला है यह कल्पद्रुम विधान
आचार्य श्री जिनसेन जी ने महापुराण के अड़तीसवें पर्व के प्रारम्भ में श्रावक के षष्टकर्मो का वर्णंन करते हुए पूजन के चार भेद बताये है नित्य पूजन , चतुर्मुख पूजन , कल्पद्रुम पूजन और आष्ठनिका पूजन.
कल्पद्रुम पूजन चक्रवर्ती राजाओ द्वारा किमिक्षिक दानपूर्वक वो विशाल पूजन किया जाता उसे कल्पद्रुम पूजन कहा जाता है श्री 1008 कल्पद्रुम महामण्डल विधान कल्पवृक्ष के सामान मुँहमाँगा फल देता है .
ऐसा ही सुअवसर जबलपुर शहर को मिलने जा रहा है, परम श्राध्देय आध्यात्म शिरोमणि आचार्य भगवन श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम आशीर्वाद से वात्सलयमयी माँ 105 आर्यिका आदर्शमती माता जी एवं 105 आर्यिका श्री दुर्लभमति माता जी ससंघ सानिध्य में महामहिम विधान 24 दिसंबर 2023 से 2 जनवरी 2024 तक विद्यासागर सभा भवन “लाखा भवन “जबलपुर में संपन्न होने जा रहा है जिसका आयोजन लार्डगंज चातुर्मास कमेटी और लार्डगंज ट्रस्ट कमेटी के द्वारा किया जा रहा है आप सभी इस आयोजन में भाग ले कर पुण्यार्जन करे, मुख्य पात्रो का चयन मंगलवार 19 दिसंबर 2023 को विद्यासागर सभा भवन “लाखा भवन “जबलपुर में प्रातः 8 बजे से आयोजित है , प्रतिष्ठाचार्य की भूमिका में बाल ब्रम्हचारी अशोक भैया इंदौर का सानिध्य प्राप्त हो रहा है जिसमे श्री अमित शास्त्री जी का भी सहयोग होगा, मंच संचालन राष्ट्रिय प्रवक्ता नगर गौरव श्री अमित पड़रिया जी द्वारा किया जायेगा