शारदीय नवरात्रि 2025 बहुत ही भाग्यशाली रहेगा।

शारदीय नवरात्रि 2025
शारदीय नवरात्रि 2025 बहुत ही भाग्यशाली रहेगा।

श्रीमददेवी भागवत महापुराण के अनुसार, देवी का आगमन और प्रस्थान नवरात्रि आरंभ और समापन होने के दिन के हिसाब से होता है। इस बार नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर सोमवार से हो रहा है और नवरात्रि का समापन विजयदशमी 2 अक्टूबर को होगा।

शशिसूर्ये गजारूढ़ा , शनिभौमे तुरंगमे ।
गुरुशुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।
फलम् – गजे च जलदा देवी , छत्रभङ्ग तुरंगमे ।
नौकायां सर्व सिद्धिस्यात् दोलायां मरणं धुव्रम् ।।

श्रीमददेवी भागवत महापुराण के इस श्लोक के अनुसार, जब रविवार और सोमवार के दिन माता का आगमन होता है तो माता का वाहन हाथी होता है। यानी इस बार 22 सितंबर को मां दुर्गा का आगमन हाथी से हो रहा है। जब माता हाथी से आती है तो इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। माता के हाथी पर आगमन पर उस वर्ष वर्षा अच्छी होती है। कृषी में वृद्धि होती है दूध का उत्पादन बढ़ता है साथ ही देश में धन धान्य की बढ़ोतरी होती है। शनिवार और मंगलवार को माता का आगमन होता है तो वह घोड़ी से आती है ऐसे में सरकार को अपने पद से हटने पड़ सकता है। गुरुवार और शुक्रवार को जब माता का आगमन होता है तो वह खटोला पर होता है। ऐसे में प्रज्ञा में लड़ाई झगड़ा और किसी बड़ी दुर्घटना होने का संकेत मिलता है। बुधवार को जब माता का आगमन होता है तो देवी नौका पर आती है। ऐसा होने पर मां अपने भक्तों को हर प्रकार की सुख सुविधाएं देती हैं।

देवी का प्रस्थान और वाहन
शारदीय नवरात्रि का समापन विजयदशमी के दिन 2 अक्तूबर को होगा।
शशिसूर्यदिने यदि सा विजया, महिषा गमनेरूज शोककरा,
शनिभौमे यदि सा विजया चरणायुधयानकरी विकला ,
बुधशुक्रे यदि सा विजया गजवाहनगा शुभवृष्टिकरा ,
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहनगा शुभसौख्यकरा ।।

श्रीमददेवी भागवत महापुराण के अनुसार, विजयदशमी जब रविवार और सोमवार की होती है तो मां दुर्गा का प्रस्थान भैंसे पर होता है। जो व्यक्ति को शोक देता है। जब विजयदशमी मंगलवार और शनिवार को होती है तो माता का वाहन मूर्गा होता है। ऐसे में लोगों को तबाही का सामना करना पड़ता है। वहीं,बुधवार और शुक्रवार को विजदशमी हो तो माता हाथी पर जाती है। हाथी पर माता का जाना शुभ माना जाता है। वहीं, गुरुवार को विजयदशमी हो तो मााता का वाहन मनुष्य की सवारी होती है। इस बार 2 अक्तूबर 2025 गुरुवार के दिन विजयदशमी है ऐसे में माता के प्रस्थान का वाहन मनुष्य की सवारी होगा। ऐसे में लोगों को सुख शांति का आनुभव होगा। समय बहुत ही भाग्यशाली रहेगा।

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