भामाशाह श्री अशोक पाटनी किशनगढ़ (आर.के मार्बल) इंडिया टुडे के मुख्य पेज में

Ashok patni india today
भामाशाह श्री अशोक पाटनी किशनगढ़ (आर.के मार्बल) इंडिया टुडे के मुख्य पेज में

आचार्यश्री की एक सलाह से मार्बल किंग बन गए अशोक पाटनी, कभी स्कूटर पर बेचा करते थे माचिस

ashok patni

कहते हैं अगर आप ईमानदारी से मेहनत करो तो ईश्वर भी आपके पास मदद के लिए किसी न किसी को भेज देता है। कुछ ऐसी ही कहानी है मार्बल किंग अशोक पाटनी की। जो अपने करोड़पति बिजनेसमैन होने का श्रेय आचार्यश्री को देते हैं। उनका कहना है कि उन्हीं के आशीर्वाद से आज वह इस मुकाम पर हैं कि लोग उन्हें मार्बल किंग कहते हैं।

सालों पहले स्कूल से माचिस बेचने का कोराबर करने वाले एक बिजनेसमैन आज मार्बल किंग के नाम से पहचाने जाते हैं। आरके मार्बल समूह को राजस्थान में मार्बल किंग के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ के मार्बल कारोबारी अशोक पाटनी पिछले 12 साल से भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने का इंतजार कर रहे हैं। अशोक पाटनी की एक ही जिद है, कि उन्हें भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा आचार्य श्री के ही हाथों से करवाना है। जिसके लिए वह सालों से इंतजार कर रहे हैं।

एक असाधारण व्यक्तित्व है लेकिन बहुत साधारण है, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति की जो अपना जीवन एक साधारण परिवेश में जीते हैं लेकिन वह व्यक्तित्व एक असाधारण व्यक्तित्व का धनी है है जी हां हम बात कर रहे हैं इस देश का गौरव ,जैन समाज का गौरव ,व्यवसाय का गौरव ,धर्म का गौरव ,उदार मना व्यक्तित्व भामाशाह आदरणीय श्री अशोक पाटनी आर के मार्बल। हम देखें तो उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण है जिनकी जिनकी अगर वैभव संपदा को देखा जाए तो विशाल नजर आएगा,लेकिन उनका जीवन सादा जीवन उच्च विचार को परिलक्षित करता है।

india today front page

चित्र सौजन्य : इंडिया टुडे

हाल में भी भारत की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे ने नबम्बर 2022 के अपने मुख्य पृष्ठ में भारत के धनी और क़ामयाब लोगो पर लेख “कस्बाई कुबेर” प्रकाशित किया जो भारत के छोटे कस्बो या शहरो से आते है जिसमे श्री अशोक (सुरेश) पाटनी , कमल किशोर शारदा , अलख पांडेय , रजत अग्रवाल और धर्मेंद्र नगर जी का नाम शामिल हो

एक साधारण व्यक्ति की तरह जीवन जीना उनकी महानता को दर्शाता है।

उन्हें किसी प्रकार का कोई मान गुमान नहीं मान सम्मान से परे यह व्यक्तित्व है। आम व्यक्तित्व की तरह भोजन करते हमें दिखाई दे रहे हैं। यह जीवन में एक आम आदमी की तरह की तरह नजर आते हैं।हम देख रहे हैं कितनी सादगी के साथ अपना भोजन ले रहे हैं, लेकिन आज के अगर हम देखें तो लोग अपना वैभव अपनी संपदा का प्रदर्शन करते दिखाई देते हैं। लेकिन यह व्यक्तित्व इन सब से परे होकर कार्य कर रहा है।इनका जीवन दर्शाता है यह सादगी ही जीवन का मार्ग है सादगी के द्वारा ही विशालता की और पहुंचा जाता है। अगर हम कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है की साधारण मानव ही एक का साधारण मानव बन सकता है।

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण श्री अशोक पाटनी के द्वारा परिलक्षित होता है। आपके द्वारा सेवा समर्पण परोपकार जीव दया और किये गए कार्यो का अगर इतिहास लिखा जाए तो एक अध्याय लिखा जा सकता है। यह व्यक्तित्व समाज के लिए राष्ट्र के लिए मानवता के प्रति प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है। सचमुच यह हम सबके गौरब है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *